नई दिल्ली। वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी मामले में कांग्रेस के विरोध पर भाजपा ने जमकर पटलवार किया। पार्टी ने लगाया कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने अपने कार्यकाल में माओवादियों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया था और अब जब वह केन्द्र में सत्ता से बाहर है तो ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर वह माओवादियों के पक्ष में खड़ी हो गई है।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है तो कांग्रेस उनके पक्ष में खड़ी हो गई है जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और उन्हें अंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था। उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर माओवादियों का 'माउथपीस' होने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से बड़ा कोई नहीं है और कानून अपना काम करेगी।
दिग्विजय सिंह के नंबर मिलने का किया खुलासा : संबित पात्रा ने कहा कि 'एक पत्र ऐसा मिला है, जिसमें प्रदर्शन के लिए माओवादियों को फंड देने की बात कही गई है और उसमें कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नंबर मिला है, जो राहुल गांधी के गुरु हैं।'
माओवादियों के साथ कांग्रेस नेताओं का रोमांस : कांग्रेस नेताओं पर नक्सलियों का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए पात्रा ने कहा कि 'एक दिन में यदि सुरक्षा बलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो वह दंतेवाड़ा में हुआ है, जहां 76 सीआरपीएफ कर्मियों की हत्या कर दी गई। ब्लूस्टार ऑपरेशन के बाद एक दिन में होने वाला यह बड़ा नुकसान है, लेकिन कांग्रेस के कई नेता ऐसे माओवादियों के साथ रोमांस में व्यस्त थे।
कांग्रेस ने कहा अघोषित आपातकाल : दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब हमने 5 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी देखी है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि 'अगर यह अघोषित आपातकाल नहीं तो क्या है? यह न केवल बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है बल्कि यह भारत के संविधान पर भी हमला है।