नई दिल्ली। डोकलाम गतिरोध के बाद अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के अंदर आकर सड़क बनाने के मसले पर चीन के साथ कोई टकराव नहीं हुआ और दोनों देशों के बीच पिछले सप्ताह हुई बातचीत में इस मुद्दे का समाधान हो गया।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को यहां सैन्य प्रौद्योगिकी पर एक सेमीनार से इतर संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारत और चीन के सीमा पर तैनात सैन्य अधिकारियों के बीच पिछले सप्ताह बातचीत हुई थी और इसमें तूतिंग में चीनी नागरिकों द्वारा सड़क बनाये जाने की कोशिशों से उत्पन्न मसले का समाधान कर लिया गया। उन्होंने कहा कि तूतिंग मुद्दे का समाधान हो गया है। इस बारे में दो दिन पहले सीमा पर बैठक हुई थी।
भारतीय जवानों ने कुछ चीनी नागरिकों को पिछले सप्ताह तूतिंग क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा के एक किलोमीटर अंदर सड़क बनाते देखा इसके बाद भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की एक संयुक्त टीम ने उन्हें वहां से हटा दिया। भारत का कहना है कि उस जगह पर दोनों पक्षों के बीच कोई टकराव नहीं हुआ।
इस बीच, डोकलाम गतिरोध के गत अगस्त में समाप्त होने के बाद चीन ने चुंबी घाटी से बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को हटाना शुरू कर दिया है। इस बारे में पूछे जाने पर जनरल रावत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि चीनी सैनिकों की संख्या में काफी कमी आई है।
डोकलाम में चीन तथा भारत की सेना के बीच लगभग ढाई महीने तक गतिरोध रहा था, जिसके बाद दोनों पक्षों ने क्षेत्र से अपने अपने सैनिकों को हटाने की घोषणा की थी। लेकिन चीन ने सर्दी के बावजूद अपने सभी सैनिकों को इस क्षेत्र से नहीं हटाया था और अब वह उन्हें वहां से हटा रहा है।
दरअसल यह विवाद भी चीन द्वारा भारत और भूटान से लगते ट्राईजंक्शन क्षेत्र में सड़क बनाए जाने की कोशिशों से ही शुरू हुआ था। भारतीय सैनिकों ने चीन को उस समय भी सड़क बनाने से रोक दिया था। जिससे दोनों पक्षों के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था। (वार्ता)