Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कलाविद् डॉ. कपिला वात्स्यायन का निधन : प्रख्यात हस्तियों, संस्थानों ने दी श्रद्धांजलि

Advertiesment
हमें फॉलो करें Dr. Kapila Vatsyayan
, बुधवार, 16 सितम्बर 2020 (23:51 IST)
नई दिल्ली। विदुषी, लेखिका और कलाविद डॉ. कपिला वात्स्यायन (Dr. Kapila Vatsyayan) का दिल्ली स्थित उनके आवास पर बुधवार को निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। प्रख्यात साहित्यकारों सहित अन्य हस्तियों और कला जगत के प्रमुख संस्थानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) के सचिव कंवल अली ने कहा, गुलमोहर एन्क्लेव में स्थित आवास पर आज सुबह 9 बजे उनका निधन हो गया।

उनका अंतिम संस्कार लोधी श्मशान घाट पर बुधवार दोपहर किया गया। वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं। उन्हें 2011 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था। वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं। वह राज्यसभा की मनोनीत सदस्य भी रह चुकी थीं और आईआईसी में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं।

भारतीय शास्त्रीय नृत्य, वास्तुकला, इतिहास और कला की प्रख्यात विदुषी कपिला वात्स्यायन का जन्म 1928 में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री ली थी। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के विषय में अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की थी।

वात्स्यायन, कवि और आलोचक केशव मलिक की छोटी बहन थीं। उनका विवाह प्रख्यात साहित्यकार सच्चिदानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ के साथ 1956 में हुआ था, हालांकि वे दोनों 1969 में अलग हो गए। उन्होंने अपने लंबे करियर में कला और इतिहास पर लगभग 20 पुस्तकें लिखी थीं।

कला एवं संस्कृति जगत की कई हस्तियों ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से वात्स्यायन को संस्थान निर्माता के तौर पर याद किया।प्रख्यात लेखक अशोक वाजपेयी ने वात्स्यायन के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया।

वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा, महान विदुषी, रचनात्मक व्यक्तित्व की धनी और संस्थान निर्माता कपिला वात्स्यायन के निधन पर मुझे गहरा दुख पहुंचा है। भारत में सांस्कृतिक जगत ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया। वे कला, विचार और कल्पना के बीच पुल बांधने वालीं और इस क्षेत्र में अथक परिश्रम करने वाली महिला थीं। मेरे जैसे कई लोगों के लिए उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है।

प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने कहा कि वात्स्यायन भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, वास्तुकला और इतिहास की महान अध्येता थीं।नेता पवन वर्मा ने वात्स्यायन को प्राचीन भारतीय संस्कृति और सभ्यता की सच्ची विदुषी कहा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, कपिला वात्स्यायन जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उन्होंने कला इतिहासकार और प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने लिखा, पूर्व सांसद, पद्म विभूषण कपिला वात्स्यायन जी के निधन पर मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि, वह भारतीय शास्त्रीय नृत्यों, वास्तुकला 
और कला इतिहास की अग्रणी विदुषी थीं।

जयपुर साहित्य उत्सव के प्रोड्यूसर संजय के. रॉय ने उन्हें महान लोगों में अंतिम बताया। वात्स्यायन को 1970 में फेलोशिप देने वाली संगीत नाटक अकादमी ने ट्वीट किया, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और इससे संबद्ध संस्थान महान विदुषी और अकादमी फेलो डॉ. वात्स्यायनजी के निधन की खबर सुनकर दुखी है।

यूनेस्को, नई दिल्ली ने भी शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, कपिला वात्स्यायन को एशियाई इतिहास का विशद ज्ञान था...दिवंगत आत्मा को शांति मिले। वात्स्यायन यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत की प्रतिनिधि रही थीं।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने कहा, उनके निधन से कला एवं संस्कृति जगत में एक शून्य पैदा हो गया है। उन्हें 2000 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी प्रदान किया 
गया था।(भाषा)
Photo : DD NEWS

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

संसद की नई इमारत का निर्माण करेगा TATA, 861.90 करोड़ रुपए में लिया ठेका