Drastic decline in storage capacity of main reservoirs : भारत के 150 प्राथमिक जलाशयों की भंडारण क्षमता उनकी कुल क्षमता के 36 प्रतिशत तक गिर गई है। कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्य पिछले वर्ष और 10 साल के औसत के मुकाबले जल भंडारण में भारी कमी का सामना कर रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। बेंगलुरु जैसे शहर जल संकट की गिरफ्त में हैं, इसके पीछे मानसून के दौरान कर्नाटक में कम बारिश, जलाशय के स्तर में गिरावट और तेजी से शहरीकरण के कारण झीलों को हो रहे नुकसान जैसे कारण हो सकते हैं।
केंद्रीय जल आयोग ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि 150 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 178.784 बीसीएम (अरब घन मीटर) है जो 257.812 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता का लगभग 69.35 प्रतिशत है। गुरुवार को जारी जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण 64.606 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 36 प्रतिशत है।
बुलेटिन में कहा गया, हालांकि पिछले वर्ष इसी अवधि के लिए इन जलाशयों में भंडारण 76.991 बीसीएम था और पिछले 10 वर्षों का औसत भंडारण 66.644 बीसीएम था। बुलेटिन के अनुसार 150 जलाशयों में उपलब्ध भंडारण पिछले वर्ष की इसी अवधि के भंडारण का 84 प्रतिशत और पिछले दस वर्षों के औसत भंडारण का 97 प्रतिशत है। गर्मी के मौसम में जलाशय क्षमता में सप्ताह दर सप्ताह कमी आ रही है।
तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों सहित दक्षिणी क्षेत्र को पिछले वर्ष और दस साल के औसत, दोनों की तुलना में जल भंडारण में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणी राज्यों में कुल क्षमता का केवल 22 प्रतिशत भंडारण स्तर जल संरक्षण के उपायों को अपनाने और सतत प्रबंधन कार्यक्रम की जरूरत को दर्शाता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour