नई दिल्ली। कुलगाम जिले के मीर बाजार में आतंकवादियों के साथ गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह के मामले में सनसनीखेज खुलासे हो रह हैं। किसी समय आतंकियों से मुठभेड़ करते हुए घायल हुए देविंदर पर आरोप है कि उसने 12 लाख रुपए में आतंकवादियों को दिल्ली पहुंचाने की डील की थी।
जानकारी के मुताबिक देविंदर ने पूछताछ में बताया है कि उसने 12 लाख रुपए में में आतंकियों को दिल्ली पहुंचाने की डील की थी। आईजी विजय कुमार के मुताबिक देविंदर ने पहले आतंकियों को जम्मू पहुंचाया, इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ और फिर दिल्ली पहुंचाना था, लेकिन उससे पहले ही यह शख्स पुलिस के शिकंजे में आ गया।
बताया जा रहा है कि इन आतंकियों की योजना गणतंत्र दिवस पर हमले की थी। हालांकि इस पूरे मामले की जांच एनआईए कर रही है। बताया जा रहा है कि देविंदर आतंकियों से पैसे लेकर उन्हें बनिहाल में सुरंग पार कराता था।
विशेष जांच दल कर रहा है पूछताछ : पुलिस ने कहा है कि विशेष जांच दल गिरफ्तार पुलिस अधिकारी और उसके साथ पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ कर रहा है। पूछताछ से ही उनके आपराधिक रिकॉर्ड और मंशा के बारे में पता चलेगा। इस मामले में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
देविन्दर को दो कुख्यात आतंकवादियों के साथ जम्मू से दिल्ली के रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि देविन्दर सिंह को राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है। हालांकि ऐसा है नहीं। उसे वीरता पदक या गृह मंत्रालय की ओर से उल्लेखनीय सेवा के लिए कोई पदक नहीं दिया गया है।
कांग्रेस ने उठाया सवाल : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया कि अब सवाल यह पैदा होता है कि पुलवामा हमले के पीछे के असली गुनहगार कौन हैं? इस मामले पर नए सिरे से जांच की जरूरत है। उन्हीं की पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि क्या दविंदर एक मोहरा है या वही षड्यंत्र का सूत्रधार है? इस सारे मामले की गंभीर और गहन जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कहा कि हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री गहन जांच कराकर वक्तव्य दें।
पात्रा ने कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने और भारत पर प्रहार करने वाले के तौर पर सिमटकर रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल का पड़ोसी देश का बचाव करने का इतिहास रहा है।