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PFI SDPI मामले में ED ने तमिलनाडु से एक व्यक्ति को किया गिरफ्तार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (14:36 IST)
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के खिलाफ चल रही जांच के तहत तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
 
सूत्रों के अनुसार मेट्टुपालयम (कोयंबटूर जिला) निवासी वहीदुर रहमान जैनुल्लाबुदीन को गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया। ईडी ने उसके घर पर तलाशी अभियान चलाने के बाद यह कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि जैनुल्लाबुदीन को दिल्ली लाया गया है और उसे शुक्रवार को विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।ALSO READ: लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में मुश्किल में लालू यादव, ED के सवालों से सामना
 
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने गुरुवार को तमिलनाडु, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और केरल में छापेमारी की। इससे पहले, मार्च के पहले सप्ताह में ईडी ने इस मामले में कार्रवाई के तहत एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम. के. फैजी को गिरफ्तार किया था। ईडी ने अदालत में फैजी की रिमांड मांगते हुए दावा किया था कि पीएफआई और एसडीपीआई के बीच संबंध हैं और पीएफआई अपनी आपराधिक गतिविधियों को एसडीपीआई के राजनीतिक मंच के माध्यम से संचालित कर रहा था।
 
केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पीएफआई को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल एक गैरकानूनी संगठन करार देते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध से पहले ईडी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और विभिन्न राज्यों की पुलिस ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की थी।ALSO READ: सोना तस्करी मामले में Ed ने अभिनेत्री के घर सहित अन्य जगह की छापेमारी
 
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की स्थापना 2009 में हुई थी और इसने भारत निर्वाचन आयोग में राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण कराया था। ईडी ने इस सप्ताह के शुरू में फैजी को उसकी हिरासत में दिए जाने की मांग करते हुए अदालत में यह भी कहा कि पीएफआई और एसडीपीआई के बीच गहरी साठगांठ थी और एसडीपीआई दरअसल पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा था जिसे पीएफआई द्वारा वित्त पोषित और नियंत्रित किया जा रहा था।
 
एजेंसी ने दावा किया कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि दोनों संगठनों के कैडरों की सदस्यता एक-दूसरे से जुड़ी हुई थी, एसडीपीआई की स्थापना में पीएफआई के पदाधिकारियों की भूमिका रही थी और दोनों संगठन एक-दूसरे की संपत्तियों का उपयोग कर रहे थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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