नई दिल्ली/कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को कहा कि एजेंसी ने धनशोधन जांच के तहत कोलकाता स्थित फर्जी मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटरों के खिलाफ कोलकाता में की गई छापेमारी में 7 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी जब्त की है। जांच एजेंसी की ओर से जारी एक तस्वीर में पांच सौ और दो हजार तथा दो सौ रुपये के नोटों के बंडल एक बिस्तर पर दिख रहे हैं।
केंद्रीय एजेंसी ने बयान जारी कर बताया कि गेमिंग एप ई-नग्गेट्स और इसके प्रोमोटर आमिर खान के आधा दर्जन से ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की। ईडी ने बताया कि परिसरों से अब तक 7 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी बरामद की गई है। बरामद नकदी की गिनती अब भी जारी है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री और कोलकाता के महापौर फिरहाद हाकिम ने कहा कि इस छापेमारी का राजनीति से कोई संबंध नहीं है और तृणमूल कांग्रेस (तृकां) का संबंधित व्यवसायी से कोई लेना देना नहीं है ।
हाकिम ने हालांकि आश्चर्य जताया कि धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच पश्चिम बंगाल जैसे गैर भाजपा शासित राज्य तक ही क्यों सीमित है। उन्होंने कहा कि अगर सात करोड़ रुपये बरामद हुए हैं तो इन पैसों के स्रोतों की भी निश्चित तौर पर जांच की जानी चाहिए, लेकिन नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का क्या, जिसने 7 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि की ठगी की है। उनके (भारत से) भागने से पहले उनकी गड़बड़ी प्रकाश में क्यों नहीं आई। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में भी कारोबारी हैं और हो सकता है कि उन्होंने भी भारी मात्रा में धन जमा कर रखे हों।
प्रदेश में सत्तारूढ़ तृणमूल के वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्या इसका मतलब यह है कि बंगाल जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों के व्यापारियों के खिलाफ ही छापेमारी की जाएगी। यह केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न के डर से निवेशकों को बंगाल आने से रोकने के लिए है।
हाकिम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुये प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि ऐसे बयान डर के कारण दिये जाते हैं, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के साथ धन शोधकों के अपवित्र सांठगांठ के बारे में सभी जानते हैं ।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी की यह छापेमारी आम तौर पर कारोबारी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह केवल बेईमान व्यापारियों के खिलाफ है। प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री के पास क्या कुछ छिपाने के लिए हैं।
कोलकाता पुलिस ने फरवरी 2021 में कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, और इसी से धन शोधन का मामला सामने आया है। ईडी ने कहा कि यह प्राथमिकी कोलकाता की एक अदालत में फेडरल बैंक के अधिकारियों की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर पार्कस्ट्रीट पुलिस थाने में दर्ज की गई थी।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि निसार अहमद खान के बेटे आमिर खान ने गेमिंग एप ई-नग्गेट्स की शुरुआत की है, यह गेम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के इरादे से डिजाइन किया गया है ।
एजेंसी ने कहा कि शुरुआती दौर में इस्तेमालकर्ताओं को एक कमीशन दिया जाता था और वॉलेट में मौजूद राशि को बिना किसी दिक्कत के निकाला जा सकता था।
इसने कहा कि इससे यूजर्स का भरोसा इसमें जम गया और उन्होंने अधिक कमीशन बनाने तथा बड़ी तादाद में खरीदारी के लिये और अधिक निवेश करना शुरू किया।
ईडी ने कहा कि जनता से ठीक ठाक राशि एकत्र कर लेने के बाद इस ऐप से इसकी निकासी को सिस्टम अपग्रेडेशन अथवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांच का बहाना बना कर अचानक इसे रोक दिया गया।
बाद में प्रोफ़ाइल जानकारी सहित सभी डेटा को ऐप सर्वर से मिटा दिया गया। ईडी ने कहा कि इसके बाद उपयोगकर्ताओं को इसकी चाल समझ में आई।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि इस ऐप और इसके संचालकों का संपर्क कहीं चीन के नियंत्रण वाले ऐप से तो नहीं है।