नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 31 मई को श्रीनगर स्थित अपने कार्यालय में तलब किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब्दुल्ला (84) से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितता के मामले में की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला ने 2019 में इसी मामले में अपना बयान दर्ज कराया था।
ईडी की ओर से फारूक अब्दुल्ला को समन भेजे जाने पर उनकी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने कहा कि श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला पहले की तरह ही जांच में ईडी का पूरी तरह से सहयोग करेंगे।
नेकां ने ट्वीट किया, ईडी ने जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला को समन भेजा है, इसमें कोई नई बात नहीं है। भारत में सभी विपक्षी दलों के लिए यह आम बात है। उन्होंने इस मामले में लगातार अपने को बेगुनाह बताया है और जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग किया है एवं इस मामले में भी ऐसा ही करेंगे।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस संबंध में प्रतिक्रिया देने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि यह स्पष्ट है कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद से विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।
ईडी ने इससे पहले भी करोड़ों रुपए के जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ घोटाला मामले में अब्दुल्ला से पूछताछ की थी।भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 2011 और 2012 के बीच जम्मू-कश्मीर में खेल के प्रचार के लिए राज्य क्रिकेट संघ को 112 करोड़ रुपए दिए थे। यह आरोप लगाया गया था कि इस राशि में से 46.30 करोड़ रुपए का दुरुपयोग किया गया था।
वर्ष 2012 में सामने आए कथित घोटाले के संबंध में दो क्रिकेटरों- माजिद याकूब डार और निसार अहमद खान द्वारा 2015 में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी। बाद में अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाले क्रिकेट संघ में धन के कथित गबन की जांच के लिए मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था।
सीबीआई ने पिछले साल श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अब्दुल्ला और मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। ईडी ने इस मामले में 2020 में अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी।
ईडी का आरोप है कि अब्दुल्ला ने अतीत में जेकेसीए के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया था और खेल निकाय में इस तरह से नियुक्तियां की थीं ताकि बीसीसीआई प्रायोजित कोष का दुरुपयोग किया जा सके।(भाषा)