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अरविन्द केजरीवाल को चुनाव आयोग की कड़ी चेतावनी

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नई दिल्ली , शनिवार, 21 जनवरी 2017 (18:44 IST)
नई दिल्ली। गोवा में चुनाव रैली के दौरान भाजपा और कांग्रेस से पैसे लेकर वोट आम आदमी पार्टी (आप) को देने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए कड़ी चेतावनी दी है कि यदि वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन जारी रखते हैं तो आयोग उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
आयोग ने केजरीवाल के रिश्वत संबंधी टिप्पणी पर उन्हें कड़ी फटकार लगाई। आयोग ने कहा है कि भविष्य में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन जारी रहा तो मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पार्टी की मान्यता को निलंबित या खत्म करने जैसे कड़े कदम भी शामिल हैं।
 
दो पृष्ठों की लंबी नोटिस में आयोग ने केजरीवाल को फटकार लगाते हुए भविष्य में चुनाव भाषणों के दौरान संयम बरतने की सलाह दी है। आयोग ने केजरीवाल से कहा कि भविष्य में वह यह भी ध्यान रखें कि यदि चुनाव आचार संहिता का फिर उल्लंघन किया गया तो चुनाव चिह्र आदेश कानून के पैरा 16 के अंतर्गत आपके और आपकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।
 
केजरीवाल ने आयोग के इस आदेश पर ट्वीट कर कहा कि चुनाव आयोग का मेरे खिलाफ आदेश पूरी तरह गलत है। निचली अदालत ने मेरे पक्ष में आदेश दिया है। चुनाव आयोग ने अदालत के आदेश को नजरअंदाज किया है। हम आयोग के नवीनतम आदेश को न्यायालय में चुनौती देंगे।
 
आयोग ने मुख्यमंत्री को भेजे आदेश में कहा है कि चुनाव चिह्न आदेश कानून के पैरा 16 के अंतर्गत चुनाव आयोग को यह अधिकार मिला हुआ है कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने की किसी भी स्थिति में किसी पार्टी की मान्यता को खत्म या निलंबित किया जा सकता है।
 
गोवा रैली के दौरान केजरीवाल के रिश्वत संबंधी भाषण पर चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को कारण बताओ नोटिस भेजा था। केजरीवाल ने गोवा विधानसभा चुनाव के लिए आयोजित रैली में भाजपा और कांग्रेस से पैसे लेकर वोट आप पार्टी को देने की अपील की थी। पिछले साल दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भी केजरीवाल ने इसी तरीके की अपील की थी। 
 
गोवा रैली में केजरीवाल ने कहा था कि भाजपा और कांग्रेस के लोग उन्हें पैसे देने के लिए आएंगे। पैसे लेने से वे मना न करें बल्कि महंगाई का वास्ता देकर पांच हजार की जगह 10 हजार रुपए मांगने चाहिए। यह राशि भी लोगों को नए नोटों में मांगनी चाहिए। गौरतलब है कि पिछले साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोटों को बंद किए जाने की घोषणा की थी। नोटबंदी के बाद से नकदी की समस्या उत्पन्न हो गई थी। (वार्ता)


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