Cash for query row : लोकसभा की आचार समिति ने 'रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने' संबंधी आरोपों के मामले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की। भाजपा के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने आज बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया। रिपोर्ट के पक्ष में 6 और विरोध में 4 वोट पड़े। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र 4 से 22 दिसंबर तक चलेगा।
बैठक के बाद सोनकर ने संवाददाताओं से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया।
सूत्रों ने बताया कि समिति ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है। अब रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। मोइत्रा ने आरोपों को खारिज किया था।
500 पेज की रिपोर्ट तैयार : एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा के मामले में 500 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। कमेटी ने लोकसभा सचिवालय से यह भी सिफारिश की है कि इस पूरे मामले की विधि सम्मत, सघन, संस्थागत और समयबद्ध जांच हो। अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को फैसला लेना है।
कौन हैं कमेटी में : कैश फॉर क्वेरी केस में एथिक्स कमेटी बनाई गई है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं। इन सदस्यों में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन सदस्य हैं और इस कमेटी में बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआरसीपी, सीपीआई (एम) और जेडीयू से भी एक-एक सदस्य शामिल हैं।