Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

‘उसकी क्‍या गलती थी...’ के सुरों से हर आंख हुई नम

हमें फॉलो करें kids
, गुरुवार, 12 जनवरी 2023 (14:23 IST)
(कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन ने मनाया ‘सुरक्षित बचपन दिवस’)

नई दिल्‍ली। ‘उसकी क्‍या गलती थी...’ इस गीत के बोल हर सुनने वाले को आज की शाम भीतर तक झकझोर गए। क्‍या एक लड़की की गलती है कि वो जॉब करने जा रही है? पढ़ाई के लिए स्‍कूल\कॉलेज या कोचिंग जा रही है? या फिर दोस्‍तों के साथ थोड़ी मौज मस्‍ती के बाद घर लौट रही है? बेटियों के साथ होने वाली दरिंदगी और हाल ही में राजधानी के कंझावला इलाके में हुई लड़की की दर्दनाक मौत के बाद ऐेसे कई सवाल हैं जो पूरी दिल्‍ली और देशवासियों को कचोट रहे हैं।

इसी तस्‍वीर को सुरों में बांधकर दिल्‍ली वालों के सामने पेश किया स्‍लम एरिया के बच्‍चों ने। इस प्रस्‍तुति को देखने के बाद हर आंख नम थी और हर आंख में एक सवाल था, लेकिन बस नहीं था तो वो था जवाब। यह मौका था नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘मेरी आवाज सुनो’ कार्यक्रम का, जिसमें सहयोगी के रूप में मौजूद थी इलेक्‍ट्रॉनिक आइटम बनाने वाली ‘बोट’ जैसी कंपनी। इस मौके पर मुख्‍य अतिथि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बच्‍चों के द्वारा तैयार म्‍यूजिक वीडियो को लॉन्‍च किया।
webdunia

इस कार्यक्रम में दिल्‍ली के आठ स्‍लम एरिया के बच्‍चों ने ‘सुरक्षित बचपन दिवस’ के रूप में नाटक, नृत्‍य और संगीत के माध्‍यम से बच्‍चों के अधिकारों की आवाज उठाई। पिछले चार साल में केएससीएफ कैसे स्‍लम के इन बच्‍चों की जिंदगी में सकारात्‍मक बदलाव लाई है, बच्‍चों ने अपनी प्रस्‍तुति के माध्‍यम से उसे बाखूबी अपनी कला से उकेरा। बच्‍चों के अधिकारों को लेकर एक अलग ही तस्‍वीर दिखाई दी इस शाम में।

मुख्‍य अतिथि डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘अपने लिए तो हर कोई जीता है लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो मानवता के लक्ष्‍य के साथ जीते हैं।

कैलाश सत्‍यार्थी भी उन्‍हीं में से एक हैं। न खाने की चिंता, न सोने की, बस एक ही लक्ष्‍य है कि बच्‍चों के जीवन को सुरक्षित व खुशहाल बनाना है।’ केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कैलाश सत्‍यार्थी जैसे लोग जब आगे बढ़ते हैं तो नए साथी जुड़ते जाते हैं और आज उनकी आवाज 143 देशों में गूंजती है ताकि वहां के बच्‍चे भी आगे बढ़ें, पढ़ें और जीवन को सार्थक करें। मुख्‍य अतिथि ने कहा कि जब कैलाश सत्‍यार्थी को नोबेल पुरस्‍कार मिला तो पूरे देश को लगा कि यह सम्‍मान उनके देश के एक विराट व्‍यक्तित्‍व को नहीं बल्कि पूरे देश को मिला है।

पूरी प्रस्‍तुति में ‘उसकी क्‍या गलती थी...’ वीडियो, जो इस मौके पर लॉन्‍च भी किया गया, ने सभी का दिल जीत लिया। इसकी सबसे खास बात यह थी कि इसे चाणक्‍यपुरी के संजय कैंप में रहने वाले तिलक और आशमा ने तैयार किया है। बच्‍चों ने ही इसके गीत लिखे हैं और म्‍यूजिक भी कंपोज किया है। हां... प्रोफेशनल्‍स ने इनको ट्रेनिंग जरूर दी है। इनका प्रयास है कि वे इसके माध्‍यम से बच्‍चों और महिलाओं के प्रति होने वाले यौन अपराधों के खिलाफ आवाज उठा सकें।

17 साल का तिलक बीकॉम फर्स्‍ट ईयर का स्‍टूडेंट है और जो म्‍यूजिशियन बनने के साथ-साथ वीजा ऑफिसर की जाब करना चाहता है। उसका सपना है कि वो अपने माता-पिता को विदेश ले जाए। वहीं, 15 साल की आशमा जो 11वीं क्‍लास की स्‍टूडेंट है, चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती है। ये दोनों ही बच्‍चे संजय कैंप के बाल मित्र मंडल के सक्रिय सदस्‍य हैं।
webdunia

बाल मित्र मंडल, नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी का अभिनव प्रयोग है और इसे साल 2018 में शुरू किया गया था। इसका मकसद शहरी स्‍लम एरिया के बच्‍चों को सुरक्षा, स्‍वतंत्रता व शिक्षित करना है। साथ ही उनमें नेतृत्‍व के गुण विकसित करना भी है ताकि वह अपने अधिकारों के लिए खुद आवाज उठा सकें। फिलहाल केएससीएफ दिल्‍ली के आठ स्‍लम एरिया में काम कर रहा है और यहां के बच्‍चों में नेतृत्‍व की क्षमता को विकसित कर रहा है।

‘मेरी आवाज सुनो’ के तहत केएससीएफ ने एक साल पहले टैलेंट हंट प्रोग्राम की शुरुआत की थी। इसका मकसद था ऐसे बच्‍चों की पहचान करना जो डांस, थियेटर, म्‍यूजिक और क्रिकेट में रुचि रखते हैं और फिर उनके हुनर को निखारना। ऐसे बच्‍चों को प्रोफेशनल ट्रेनर के जरिए ट्रेनिंग दी गई और आज यही बच्‍चे अपनी प्रतिभा को लेकर सबके सामने थे।

नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी के जन्‍मदिन 11 जनवरी को देशभर में ‘सुरक्षित बचपन दिवस’ मनाया जाता है। इसका मकसद देश भर के लोगों में बच्‍चों के मुद्दों के प्रति जागरूकता लाना है ताकि दुनिया को बच्‍चों के लिए सुरक्षित बनाया जा सके। कार्यक्रम में अपनी शानदार प्रस्‍तुति से बच्‍चों ने अपनी समस्‍याओं को बहुत ही अच्‍छे ढंग से दर्शकों के सामने उकेरा। साथ ही यह भी दिखाया कि कैसे उनके समुदाय में बदलाव आ रहा है।

इस मौके की महत्‍ता पर प्रकाश डालते हुए कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक राकेश सेंगर ने कहा, ‘सुरक्षित बचपन दिवस’ का मकसद है कि सभी नागरिकों को यह अहसास करवाया जाए कि समाज को बच्‍चों और उनके बचपन को सुरक्षित बनाने के लिए साथ आकर काम करना होगा। आज के कार्यक्रम की मुख्‍य बात यह है कि बच्‍चों को शिक्षा के माध्‍यम से सशक्‍त करना, ताकि वे अपने जीवन और अपने समुदाय के लिए बड़े लक्ष्‍य हासिल कर सकें।’

वहीं, बच्‍चों के टैलेंट की सराहना करते हुए ‘बोट’ के को-फाउंडर अमन गुप्‍ता ने कहा, ‘हमारा लक्ष्‍य ऐसे युवाओं का समूह तैयार करना है जो अपने पैशन को जीते हैं। बिना किसी भेदभाव और उनकी पृष्‍ठभूमि देखे बगैर उनके हुनर को दिखाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हम उन लोगों को भी सशक्‍त करना चाहते हैं, जो धारा के विपरीत जाकर अपने कॅरियर को संवारते हैं। केएससीएफ के साथ हमारी कई पहल में से एक यह कार्यक्रम भी है जिसके जरिए हम यंग टैलेंट को देशभर में आगे लाना चाह रहे हैं।
edited by navin rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अमेरिका में बढ़ी 'समोसा' की ताकत, जानिए क्या है Samosa Caucus और कौन है नया सदस्य