चेन्नई। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि का मंगलवार को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे और कई दिनों से बीमार थे। उनके वृद्धावस्था के कारण उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि के निधन की खबर सुनकर अस्पताल के बाहर जमा उनके समर्थकों के आंसू फूट पड़े।
शाम को ही चेन्नई में सिनेमाघर बंद कर दिए गए थे। साथ ही साथ शहर की सभी शराब की दुकानों को भी बंद कर दिया गय था। यहीं से लगने लगा था कि आज कुछ अशुभ होने जा रहा है।
उन्होंने 1953 में राजनीति में प्रवेश किया था। 1969 में अन्ना दुराई की मौत के बाद करुणानिधि डीएमके के प्रमुख बने थे। वे पहली बार 1957 में विधानसभा चुनाव जीते थे। पिछले 10 दिनों से वे अस्पताल में यूरिनरी इंफेंक्शन से पीड़ित थे।
तमिलनाडु की राजनीति के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे पहले जयललिता के निधन के बाद प्रदेश में काफी राजनीतिक उथल पुथल का माहौल रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर करुणानिधि के निधन पर शोक व्यक्त किया। वह भारत के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे।
2016 से ही करुणानिधि की तबीयत खराब चल रही थी और यही कारण है तमिलनाडु चुनाव प्रचार में भी उन्होंने हिस्सा नहीं लिया था। पार्टी की कमान उन्होंने बेटे स्टालिन को सौंप दी थी।
तमिलनाडु में पांच बार बने मुख्यमंत्री : एम. करुणानिधि तमिलनाडु के पांच बार मुख्यमंत्री रहे। 61 साल की राजनीति में वे कभी भी चुनाव में नहीं हारे। करुणानिधि पहली बार 10 फरवरी 1969 को मुख्यमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 4 जनवरी 1971 तक रहा। वे दूसरी बार 15 मार्च 1971 से 31 जनवरी 1976 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन रहे।
करुणानिधि ने मुख्यमंत्री बनने की हैट्रिक पूरी की : करुणानिधि तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने और हैट्रिक पूरी की। तीसरी बार वे 27 जनवरी 1989 से 30 जनवरी 1991 तक, चौथी बार 13 मई 1996 से 13 मई 2001 तक और पांचवीं बार 13 मई 2006 से 15 मई 2011 तक मुख्यमंत्री रहे।