नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान मंच पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए खाते खोलने से रोक दिया है। अपने निर्देश में रिजर्व बैंक ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के द्वारा नए ग्राहक जोड़ने की अनुमति पर विचार तब होगा जब रिजर्व बैंक नियुक्त की गई आईटी ऑडिट कंपनी की रिपोर्ट की समीक्षा करेगा।
रिजर्व बैंक ने कहा कि ये कदम बैंक को लेकर कुछ चिंताएं सामने आने के बाद उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि इस समय पेटीएम पेमेंट्स बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, कंपनी के साथ कुल 10 करोड़ केवाईसी कस्टमर्स जुड़े हैं। कंपनी का दावा है कि वह फास्टैग जारी करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
इस पूरे मामले को जानने के लिए जानते हैं भारत में कैसा रहा पेटीएम पेमेंट्स बैंक का सफर? क्यों उठ रहे थे बैंक पर सवाल? क्या होगा यूजर्स का?
क्या है पेटीएम पेमेंट्स बैंक : पेटीएम पेमेंट्स बैंक में ग्राहक केवल 100000 रुपए तक जमा कर सकता है। यहां पर ग्राहकों को लोन और एडवांस देने जैसी सुविधा नहीं मिलती है।
पेटीएम पेमेंट यूजर्स को चेक बुक, डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं जारी कर सकते हैं, लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति नहीं है। पेटीएम पेमेंट बैंक में आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए किसी भी प्रकार का सर्विस चार्ज नहीं देना होता है। RTGS,IMPS, NEFT (आरटीजीएस, आईएमपीएस, एनईएफटी) जैसी सुविधाएं भी यहां मुफ्त मिलती है।
कैसा रहा 5 साल का सफर : पेटीएम पेमेंट्स बैंक का गठन अगस्त 2016 में हुआ था और इसने मई 2017 में औपचारिक रूप से अपना काम शुरू किया था। दिसंबर 2021 में ही रिजर्व बैंक ने इसे शेड्यूल बैंक का दर्जा दिया था। शेड्यूल्ड बैंक का दर्जा मिलने से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को सरकारी और अन्य बड़े कॉरपोरेशन के प्राइमरी ऑक्शन में भी शामिल होने का अधिकार मिल गया था।
क्या है RBI की चिंता : रिजर्व बैंक के निर्देश से साफ है कि वह पेटीएम पेमेंट्स बैंक के आईटी सिस्टम को लेकर चिंतिंत हैं। इसमें डाटा प्राइवेसी, डाटा सिक्योरिटी, केवाईसी, डाटा स्टोरेज आदि शामिल है। डाटा स्टोरेज के नियम से लेकर बैंकिंग या मोबाइल सिस्टम में गड़बड़ी तक के मामलों में रिजर्व बैंक ऐसे ही सख्त कदम उठा चुका है।
इसके पहले भी RBI ने दिसंबर 2020 में HDFC Bank (एचडीएफसी बैंक) पर भी नए क्रेडिट कार्ड जारी करने और नए डिजिटल प्रोडक्ट लॉन्च करने पर रोक लगा दी थी।
क्या होगा वर्तमान ग्राहको का : पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगाए गए इस प्रतिबंध से बैंक के मौजूदा ग्राहकों चिंतित दिखाई दे रहे हैं। हालांकि आरबीआई के आदेश में बैंक पर नए ग्राहकों को जोड़ने के अलावा कोई भी अन्य प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
अगर आप पेटीएम पेमेंट्स बैंक के मौजूदा ग्राहक हैं तो आप पर इन निर्देशों का असर पड़ने की संभावना नहीं है। लेकिन पिछले कुछ सालों में एकाएक बढ़े स्मॉल बैंकिग सेक्टर के लिए यह जरूर चेतावनी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
IPO ने किया निवेशकों का भारी नुकसान : 18 नवंबर 2021 को पेटीएम के सबसे बड़ा आईपीओ की शेयर बाजार में लिस्टिंग हुई थी। बीएसई पर इसके शेयर 1950 रुपए के भाव पर लिस्ट हुए थे, जो 2150 रुपए के इश्यू प्राइस के मुकाबले करीब 9.07 फीसदी कम थे।
लिस्टिंग के बाद भी इसमें गिरावट जारी रही और देखते ही देखते इसमें 37 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। उस दौर में पेटीएम को आईपीओ पर दांव लगाने वाले निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
पेटीएम में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी : Paytm में लिस्टिंग से पहले ही इसकी सबसे बड़ी हिस्सेदार कंपनी चीन की Ant Financial और अलीबाबा ने इस आईपीओ में अपने हिस्से के शेयर बेचकर 1 अरब डॉलर की कमाई की थी। पेटीएम में एएनटी फाइनेंशियल की 23 और अलीबाबा की 6 प्रतिशत हिस्सेदारी है।