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लोकसभा चुनाव रिजल्ट्‍स को लेकर मार्क जुकरबर्ग का बयान, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने दिखाया आईना

अश्विनी वैष्णव ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के इस दावे पर पलटवार किया कि कोविड-19 महामारी के बाद भारत सहित अधिकांश देशों की मौजूदा सरकारों को 2024 में चुनावी हार का सामना करना पड़ा और

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , मंगलवार, 14 जनवरी 2025 (00:44 IST)
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के इस दावे पर पलटवार किया कि कोविड-19 महामारी के बाद भारत सहित अधिकांश देशों की मौजूदा सरकारों को 2024 में चुनावी हार का सामना करना पड़ा और कहा कि उनका बयान ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ है। वैष्णव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 2024 के आम चुनाव का संचालन किया, जिसमें 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में अपने विश्वास को फिर से दोहराया।’’ सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘‘जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा, तथ्यात्मक रूप से गलत है।’’
जुकरबर्ग ने कथित तौर पर एक पॉडकास्ट में दावा किया था कि 2024 में दुनिया भर के चुनावों में, भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को चुनावी हार का सामना करना पड़ा था।
वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन, 2.2 अरब टीके और कोविड-19 के दौरान दुनियाभर के देशों को सहायता देने से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में नेतृत्व करने तक, तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है।’’
मेटा को टैग करते हुए, उन्होंने कहा कि खुद जुकरबर्ग की ओर से गलत सूचना प्रसारित करना ‘निराशाजनक’ है। वैष्णव ने कहा कि तथ्यों और विश्वसनीयता को बरकरार रखें।’’

जुकरबर्ग ने क्या कहा था : मेटा के CEO ने पॉडकास्ट में कहा, ‘वर्ष 2024 दुनिया भर में एक बड़ा चुनावी साल था। भारत सहित मौजूदा सरकारों ने कोविड-19 महामारी के दौरान मतदाताओं का विश्वास खो दिया है। अमेरिका में बहुत से लोग इसे एक अमेरिकी घटना के रूप में देखते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कोविड (Covid) की प्रतिक्रिया ने संभवतः दुनिया भर में बहुत सी सरकारों में टूटन और विश्वास को जन्म दिया है, क्योंकि 2024 दुनिया भर में एक बड़ा चुनावी वर्ष था। और आप जानते हैं कि ये सभी देश हैं, भारत, ऐसे ही बहुत से देश हैं जहाँ चुनाव हुए और मौजूदा सरकारें मूल रूप से उनमें से हर एक में हार गईं।’ उन्होंने कहा कि 2024 में कई चुनावों के परिणामस्वरूप इन सरकारों को हार का सामना करना पड़ा।इनपुट भाषा

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