Kisan Andolan: किसान नेताओं ने चंडीगढ़ में मंगलवार को नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि उसने दिल्ली की ओर कूच कर रहे प्रदर्शनकारियों पर अंबाला के पास आंसू गैस (tear gas) के गोले छोड़कर हमला किया जिसमें 60 लोग घायल हो गए। किसानों के विरोध को देखते हुए गाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम दिखा।
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने कहा कि हम यहां स्पीकर लगा रहे हैं और बुधवार सुबह अपना कार्यक्रम फिर से शुरू करेंगे।
पंजाब के किसानों को 2 सीमा बिंदुओं पर आंसू गैस के गोले का सामना करना पड़ा जिनमें से कुछ ड्रोन द्वारा गिराए गए। यह तब हुआ जब किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने की कोशिश के दौरान हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को तोड़ने का प्रयास किया।
शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि भारत के इतिहास में आज का दिन काला दिन है। जिस तरह से मोदी सरकार ने किसानों और खेतिहर मजदूरों पर हमला किया, वह शर्मनाक है। पंधेर ने कहा कि आज भी हम कहते हैं कि हम देश के किसान और मजदूर हैं तथा हम कोई लड़ाई नहीं चाहते। उन्होंने अधिकतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्जमाफी की कानूनी गारंटी की किसानों की मांग दोहराई।
पंधेर ने कहा कि जब किसी ने उनकी बात नहीं सुनी तो किसानों को सड़कों पर उतरने और दिल्ली तक मार्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने दावा किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। किसान नेता ने कहा कि अभी शाम हो गई है। हम अपने युवाओं से कहेंगे कि दोनों तरफ से संघर्ष रुकना चाहिए। कल हम फिर देखेंगे। अन्य किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में लगभग 60 युवा किसान घायल हो गए।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) का प्रतिनिधित्व करने वाले डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र किसानों की मांगों के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा। उन्होंने कहा कि हम अपने विचार रखना चाहते हैं। कोई नई मांग नहीं है और ये सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताएं हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के इस बयान का जिक्र करते हुए कि सोमवार को बैठक के दौरान अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई थी, डल्लेवाल ने कहा कि एक भी मांग स्वीकार नहीं की गई। अन्य किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने 8 घंटे से अधिक समय तक प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के हजारों गोले फेंके।
तोड़फोड़ समस्या का समाधान नहीं : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को प्रदर्शनकारी किसानों से कहा कि हिंसा और तोड़फोड़ समस्याओं का समाधान नहीं है तथा वे अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ फिर से बातचीत में शामिल हों।
ठाकुर ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने किसान संगठनों की कुछ मांगें मान ली हैं, लेकिन भारत के विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकलने और मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को रद्द करने जैसे मुद्दों पर व्यापक परामर्श की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा, "यदि आप मांग करते हैं कि भारत डब्ल्यूटीओ से बाहर निकले, एफटीए रद्द किया जाए, स्मार्ट मीटर को खारिज किया जाए और किसानों को बिजली अधिनियम से छूट दी जाए, तो क्या केंद्र को अन्य हितधारकों और राज्य सरकारों से बात नहीं करनी चाहिए?"
ठाकुर ने कहा कि सरकार ने सोमवार को किसान संगठनों के साथ बातचीत के दौरान समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था।
एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल : पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच हरियाणा के जींद के निकट टकराव हुआ, जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये। कई किसानों को भी चोटें आई हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हरियाणा के जींद में दातासिंह वाले बॉर्डर पर किसानों को रोकने के प्रयासों के तहत पुलिस ने लाठीचार्ज किया और इससे किसान भड़क गए और उन्होंने भी अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार किसानों से टकराव में हरियाणा पुलिस के एक निरीक्षक समेत एक दर्जन जवान घायल हो गए। घायलों में अर्धसैनिक बल के दो जवान भी शामिल हैं। (भाषा) Edited by: Ravindra Gupta