नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के किसान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने संबंधी फैसले से बेहद खुश है। हालांकि माफी की सीमा प्रति किसान एक लाख रुपए से ज्यादा नहीं होगी। अब सारे देश के किसान यह चाहते हैं कि उनके कर्ज को भी माफ किया जाए।
मंगलवार का दिन किसानों के लिए बेहद खास रहा। सुबह मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित किसानों के कर्ज माफ करने को कहा, तो शाम होते-होते उप्र सरकार ने छोटे किसानों के एक लाख रुपए तक के फसल कर्ज माफ करने का एलान कर दिया।
हालांकि सभी राज्यों के लिए इस तरह का फैसला करना आसान नहीं होगा। भले ही इसमें किसानों का फायदा हो पर राज्य सरकारें हजारों करोड़ रुपए का बोझ उठा पाएगी इसमें संशय है। बहरहाल योगी सरकार के इस कदम से उन पर भी इस तरह के फैसले लेने का दबाव को बढ़ ही गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पहले ही साफ कर चुके हैं कि केंद्र सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं करेगी। अगर राज्य इस तरह का कोई फैसला लेते हैं कि उन्हें इसकी भरपाई खुद करना होगी।
हालांकि लोग यह भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार को भी अपनी नीति में बदलाव कर राज्य के बोझ को कुछ कम करने का प्रयास करना चाहिए। ताकि सभी राज्य भी योगी सरकार की तरह इस तरह के कदम उठा पाएं।