Farmers Protest 2024 : कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर किसानों से झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी ने सवाल किया कि मोदी जी आपने बार-बार एमएसपी का वादा करके किसानों से झूठ क्यों बोला?
किसान आंदोलन के दूसरे दिन पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि सिर्फ कांग्रेस की किसान न्याय गारंटी से ही किसानों की फसल के लिए स्वामीनाथ आयोग की अनुशंसा के मुताबिक एमएसपी सुनिश्चित हो सकती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, 'बार-बार वादा करने के बावजूद मोदी सरकार MSP को कानूनी गारंटी देने से क्यों भाग रही है? वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री और एक कार्य समूह के अध्यक्ष के रूप में नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि हमें किसान के हितों की रक्षा के लिए कानूनी प्रावधानों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसान और व्यापारी के बीच कोई भी खरीद-बिक्री एमएसपी के नीचे न हो।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अपने कई भाषणों और चुनावी रैलियों में उन्होंने वादा किया था कि सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी, जिसमें सभी तरह की लागत और 50 प्रतिशत मूल्य (एमएसपी का स्वामीनाथन फॉर्मूला) शामिल होगा। लेकिन आज तक न तो एमएसपी की कानूनी गारंटी है और न ही यह सी2+50 प्रतिशत के स्वामीनाथन फॉर्मूला के आधार पर है।
रमेश ने कहा कि गेहूं की एमएसपी स्वामीनाथन आयोग के अनुसार 2,478 रुपए प्रति क्विंटल होनी चाहिए जो कि मात्र 2,275 रुपए प्रति क्विंटल है। इसी तरह धान की एमएसपी 2,866 रुपए प्रति क्विंटल की जगह मात्र 2,183 रुपए प्रति क्विंटल है।
रमेश ने दावा किया कि आज भारत के किसानों का मोदी सरकार से विश्वास उठ गया है। यह केवल कांग्रेस पार्टी की किसान न्याय गारंटी ही है जो किसानों को स्वामीनाथन फॉर्मूले पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों को MSP देने का झूठा वादा किया और प्रधानमंत्री बन गए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का झूठ तब सामने आया जब MSP को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल हुआ। इसमें मोदी सरकार ने साफ कहा कि हम इस तरह की एमएसपी नहीं दे सकते, जिसमें लागत इतनी ज्यादा हो।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ अपना वादा तोड़ा, बल्कि किसानों के रास्ते पर कील बिछवाई और उन्हें उपद्रवी कहने से भी नहीं चूके।
Edited by : Nrapendra Gupta