गाजियाबाद। दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार को राकेश टिकैत के तेवर देखने लायक थे। टिकैत ने आंदोलन स्थल के निकट ही हल चला दिया। जिस समय वह हल चला रहे थे, किसान उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जय जवान, जय किसान के नारे लगा रहे थे।
दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पुलिस ने सड़क पर कई लेयर की बैरिकेडिंग करते हुए कटीले तार लगाए हैं। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने सड़क पर टायर कीलर फिट किए थे और बाद में आलोचना होने के बाद उन्हें हटा लिया। पुलिस की इस किलेनुमा चाक-चौबंद व्यवस्था पर किसानों ने हंसते हुए फूल खिलाने का निर्णय लिया। जिसके चलते किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग के सामने दो डंपर मिट्टी के डलवाए और फूल रोपने शुरू कर दिए।
शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत फावड़ा उठाकर मिट्टी को समतल करते नजर आए। टिकैत का कहना था कि इस मिट्टी में रंगबिरंगे फूल खिलेंगे। किसान नेता के इस अनोखे अंदाज को देखने के लिए वहां भीड़ जमा हो गई। सभी लोगों में उत्सुकता थी कि किसान मिट्टी में क्या करने वाले हैं। भीड़ में तरह-तरह की बात सुनाई पड़ रही थी, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ने राहों में कांटे बिछाए थे, लेकिन अन्नदाता अब फूल खिलाएंगे।
26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान कई जगहों पर हिंसा हुई थी। हिंसा के बाद किसान आंदोलन को समाप्त करने की भरसक कोशिश सरकार ने की। टिकैत के उग्र तेवर के बाद किसान गाजीपुर बॉर्डर पर अधिक मजबूती से डट गए।
पुलिस ने आंदोलन स्थल के समीप अपनी निगाहें पैनी करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए बैरिकेड के आगे कीलें लगवा दी थीं। नुकीली कीलें जब सोशल मीडिया पर छा गईं और तरह-तरह की चर्चा होने लगी तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें हटवा दिया।
टिकैत ने पुलिस कार्रवाई का जबाव अपने ढंग से देते हुए कहा कि किसान मेहनत करके ऊबड़खाबड़ जमीन को भी खेती के लिए तैयार कर देता है। किसान तो कहीं भी खेती कर लेगा और भूमि को हरा-भरा करके महका देगा। भले ही पुलिस ने कीलें लगाई, किसान प्यार भरे फूल उगाकर वातावरण को महका रहा है।