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LoC पर पाक कमांडो हमले का खतरा, शहरों में आतंकियों का डर

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सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 21 जनवरी 2020 (19:18 IST)
जम्मू। गणतंत्र दिवस के नजदीक आते ही जम्मू कश्मीर दोहरे खतरे से सहमने लगा है। यह खतरा सिर्फ पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर ही नहीं है बल्कि राज्य के भीतर भी आतंकी हमलों का खतरा सुरक्षाबलों के साथ-साथ आम लोगों की नींद हराम करने लगा है।
 
दहशत का आलम कितना है, यह सेना के उस निर्देश से अंदाजा लगाया जा सकता है, जिसमें उसने नौशहरा कस्बे में शाम सात बजे से सुबह 7 बजे तक लोगों को अपने घरों के भीतर ही रहने के निर्देश दिए हैं। 24 घंटों में 6 आतंकियों की मौतों को भी गणतंत्र दिवस से जोड़ा जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना एलओसी पर भारतीय सीमा चौकियों पर कब्जे तथा सैनिक गश्ती दलों पर हमलों के लिए एक बार फिर बॉर्डर एक्शन टीमों को सक्रिय कर चुकी है। वह कहते हैं कि मिलने वाली सूचनाओं के मुताबिक, 26 जनवरी के आसपास ऐसे हमलों में तेजी इसलिए आ सकती है क्योंकि पाकिस्तान राज्य में दहशत फैलाना चाहता है।
 
याद रहे पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीमों द्वारा पहले भी कई बार एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर कई हमलों को अंजाम दिया जा चुका है, जिसमें भारतीय सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
 
सुरक्षाधिकारी कहते हैं कि ऐसे ही आदेश आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में तबाही मचाने के लिए दिए गए हैं। नतीजन सुरक्षा तैयारियों से आम नागरिक बुरी तरह से त्रस्त हो रहे हैं, जिन्हें भीषण ठंड के बीच तलाशी अभियानों को सहन करना पड़ रहा है।
हालांकि अधिकारी दाव करते थे कि 24 घंटों के भीतर मार गिराए गए 6 आतंकियों को गणतंत्र दिवस पर कहर बरपाने का टास्क दिया गया था तथा इससे पहले हिरासत में लिए गए 5 आतंकियों को भी दहशत फैलाने को कहा गया था।
 
दरअसल, सुरक्षाबल ऐसा गणतंत्र दिवस की तैयारियों के मद्देनजर कर रहे हैं। श्रीनगर शहर के अतिरिक्त जम्मू कश्मीर के प्रत्येक बड़े कस्बे में तैनात किए जा रहे सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के बावजूद यह सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है कि समारोह शांतिपूर्वक हो पाएगा क्योंकि आतंकी कोशिशें भी उसी प्रकार बढ़ती जा रही हैं, जिस प्रकार सुरक्षा व्यवस्थाएं।
 
इस दहशत और तनाव का परिणाम है कि प्रयासों के बावजूद प्रशासन को नहीं लग रहा है कि गणतंत्र दिवस समारोहों में शामिल होने के लिए अधिक नागरिक आ पाएंगे। परिणामस्वरूप गणतंत्र दिवस समारोहों में अधिक भीड़ दिखाने के लिए सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के इरादों से कथित तौर पर एक ‘मौखिक’ सरकारी आदेश निकालकर सबको गणतंत्र दिवस समारोहों में उपस्थित होने के लिए कहा है।
 
स्थिति यह है कि जम्मू कश्मीर में गणतंत्र दिवस को लेकर शुरू हुई उल्टी गिनती आम नागरिकों को भी दहशतजदा किए हुए है। 

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