लखनऊ। आगरा एक्सप्रेस वे पर भारतीय वायुसेना के विमान मंगलवार सुबह उड़ान भरने (टेकऑफ) और उतरने (लैडिंग) का अभ्यास कर रहे हैं। वैसे तो इस तरह का अभ्यास पिछले साल भी हो चुका है लेकिन इस बार की खासियत यह होगी कि इस बार अभ्यास करने वाले वायुसेना के कुल 17 से 20 विमानों में परिवहन विमान (एएन 32) भी शामिल हैं।
*गरुड़ कमांडो की विशेष सुरक्षा के बीच भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुपर हरक्यूलिस C-130J, सुपरसोनिक सुखोई एसयू-30, जगुआर और मिराज 200ह ने 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से जमीन को छूआ और आसमान में टैक ऑफ कर गए। एक्सप्रेस-वे का पांच किलोमीटर का हिस्सा विमानों के टच और उड़ान भरने के लिए लिया गया है। तेज गति से विमान तीन सौ मीटर के पैच पर ही उतरें और केवल चार सेकेंड के लिए जमीन को छूकर उड़ना भर गए।
* आगरा एक्सप्रेस-वे के जिस हिस्से पर लड़ाकू विमान जमीन को छू रहे हैं वहां दुनिया के सबसे घातक कमांडो गरुड़ की विशेष निगरानी है। मालवाहक विमान हरक्यूलिस ग्लोब मास्टर सुबह 10 बजे सबसे पहले एक्सप्रेस वे पर उतरेगा। वह गरुड़ कमांरडो को उतारकर रवाना हो गया। रनवे के दोनों ही दिशाओं में गरुड़ कमांडो अपने आधुनिक उपकरणों के साथ हर स्थिति हैं।
*पहली बार किसी एक्सप्रेस-वे पर वायुसेना ऑपरेशनल अभ्यास कर रही है। पिछले 15 दिनों से इन 15 लड़ाकू विमानों के जांबाज पायलट कड़ा अभ्यास कर रहे थे।
*सुखोई 30 MKI का प्रदर्शन, यह लड़ाकू विमान दुश्मन विमान की दूर से ही पोजीशन जान लेता है। 2450 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ने में सक्षम यह विमान 8 हजार किलोग्रम गोला- बारूद और मिसाइल ले जाने में सक्षम। 3000 किलोमीटर की दूरी तक यह हमला करने में सक्षम है। इसका रडार इसकी सबसे बड़ी ताकत है। इसकी रेंज 5000 किलोमीटर है। वायुसेना का यह सबसे ताकतवर विमान है।
* मिराज 2000 ने छूआ एक्सप्रेस-वे को और टैक ऑफ कर गया। दूसरे प्लेन को हवा में ही मार गिराने में सक्षम मिराज में 300MM की तोप लगी रहती है। इसकी रफ्तार 2495 किलोमीटर प्रतिघंटा है। दूरी तक मार के लिए R 550 मिसाइल से लैस भारतीय वायुसेना के पास करीब 50 मिराज 2000 है।
* दो सुपर हरक्यूलिस के बाद जगुआर को लैंड करते हुए लोगों ने अपने कैमरे में कैद किया। इस विमान में दो इंजन और 300एमएम की गन मौजूद। 1350 किलोमीटर की रफ्तार से बमवर्षा करने में सक्षम जगुआर 4750 किलोग्राम के वजन को ले जाने में सक्षम। यह विमान जमीन को छूकर तुरंत ही टैक ऑफ करने में सक्षम।
* लखनऊ से आगरा को जोड़ने वाले 302 किलोमीटर के 6 लेन एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायुसेना के विमान C-130J हरक्यूलिस ने लैंडिंग की। यह नजारा देखने के लिए सैंकड़ों लोग जुटे।
* ठीक 10.15 पर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर उतरा हरक्यूलिस ग्लोब मास्टर सी-130
क्यों हो रहा है यह अभ्यास?
भारतीय वायुसेना ने भारत के 12 नेशनल हाइवे को इमरजेंसी लैंडिंग के लिए चुना है। युद्ध में हाइवे को रनवे की तरह इस्तेमाल करने का अभ्यास। 1965 के युद्ध में पाकिस्तान द्वारा रनवे को तबाह करने के बाद भारतीय एयरफोर्स को काफी परेशान का सामना करना पड़ा था।
* यह दुनिया का सबसे बड़ा मालवाहक विमान है जो 20 हजार फिट ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। साथ ही यह किसी भी मिसाइल को डिटेक्ट करने में सक्षम भी है। इस विमान ने 2013 में उत्तराखंड त्रासदी में लोगों को बचाया था। इस विमान को बहुत कम रनवे की जरूरत होती है। इस एक्सप्रेस वे की वजह से दिल्ली से लखनऊ की दूरी 6 घंटे में तय की जा सकती है।
रक्षा मंत्रालय (केंद्रीय कमान) की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि भारतीय वायुसेना आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे उन्नाव जिले के निकट यह अभ्यास करेगी। 'इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के 20 विमान, लड़ाकू और परिवहन, हिस्सा लेंगे। इनमें मिराज 2000, जगुआर, सुखोई 30 और एएन-32 परिहन विमान शामिल होंगे।
सिन्हा ने बताया कि जो परिवहन विमान एक्सप्रेस वे पर अभ्यास में शामिल होंगे वे एएन 32 प्रकार के हैं जो मानवीय सहायता एवं आपदा राहत का काम करते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर कभी बाढ़ या कोई अन्य दैवीय आपदा आ जाए तो यह विमान भारी मात्रा में राहत सामग्री लेकर जा सकते हैं। इसके अलावा किसी आपदा की स्थिति में लोगों के परिवहन की जरूरत होने पर भी इन विमानों का इस्तेमाल किया जाता है।
युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति में सड़कों पर ही विमानों को उतारने और उड़ान भरने के लिए पायलटों को तैयार करने के लिए यह अभ्यास किया जा रहा है। अभ्यास में परिवहन विमानों के साथ साथ लड़ाकू जेट भी शामिल होंगे। (भाषा)