Union Budget 2025-26 : अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को सरकार को अगले वित्त वर्ष के बजट में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक औद्योगिक नीति लाने और राजकोषीय मजबूती में ढील देने का सुझाव दिया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की और 2025-26 के आम बजट पर उनके विचार मांगे। बजट एक फरवरी, 2025 को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। आम बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान रखा है। वित्त वर्ष 2023-24 में घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने बैठक के बाद कहा कि अर्थशास्त्रियों ने सरकार को निवेश बढ़ाने के तरीके बताए और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने के सुझाव भी दिए। महाजन ने कहा कि राजकोषीय मजबूती के संबंध में कुछ अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इसमें ढील दी जा सकती है, जबकि कुछ को लगता है कि मौजूदा रुख को जारी रखना चाहिए।
आम बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान रखा है। वित्त वर्ष 2023-24 में घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बजट में व्यापक विनिर्माण और औद्योगिक नीति लानी चाहिए। लेखा परीक्षक और प्रख्यात अर्थशास्त्री अनिल शर्मा ने कहा कि खपत बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत आयकर में कटौती के संबंध में भी सुझाव दिए गए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour