Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वित्त मंत्री सीतारमण का आश्वासन, जमाकर्ता घबराएं नहीं, Yes Bank पर ढाई साल से निगरानी

हमें फॉलो करें वित्त मंत्री सीतारमण का आश्वासन, जमाकर्ता घबराएं नहीं, Yes Bank पर ढाई साल से निगरानी
, शुक्रवार, 6 मार्च 2020 (20:07 IST)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र के चौथे बड़े बैंक येस बैंक (Yes Bank) के जमाकर्ताओं को उनकी धनराशि सुरक्षित होने का आश्वासन देते हुए कहा कि यह बैंक अगस्त 2017 से रिजर्व बैंक की निगरानी में था और हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बैंक पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है।
 
सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक 30 दिन के भीतर ही इस बैंक के पुनर्गठन के काम को पूरा करेगा और प्रशासक के स्थान पर निदेशक मंडल नियुक्त किया जाएगा। जमाकर्ताओं की पूरी राशि सुरक्षित होने का भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि एक वर्ष तक बैंक के कर्मचारियों के वेतन भत्ते की व्यवस्था की जाएगी। जमाकर्ता और देयता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। निकासी के लिए निर्धारित सीमा अस्थायी है। 
 
निकासी को सीमित किए जाने से ग्राहकों को हो रही कठिनाईयों के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह इससे अवगत हैं और इन्हें दूर करने के उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बैंक में क्या खामियां हुई थीं इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट भारतीय रिजर्व बैंक से मांगी गई है। इसमें किस-किस व्यक्ति की भूमिका है, यह भी बताने के लिए कहा गया है। जांच एजेंसियों ने इस बैंक में अनियमितताएं पाईं हैं और अब सेबी ने भी भेदिया कारोबार की जांच शुरू कर दी है।
webdunia
वित्त मंत्री ने कहा कि यह आज या कल का मामला नही है। अगस्त 2017 से रिजर्व बैंक और मई 2019 से वह स्वयं इस बैंक पर नजर रख रही थीं। कई तरह की खामियां पाने जाने और नियमों का अनुपालन नहीं होने के बाद इस पर निरागनी शुरू की गई थी और सितंबर 2018 में इस पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना भी किया गया था। बैंक के प्रशासन में खामियां पाईं गईं, अनुपालन बहुत कमजोर पाया गया और गलत संपदा वर्गीकरण किया गया। पिछले 6 महीने से दैनिक आधार पर बैंक की निगरानी की जा रही थी।
 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में इस बैंक की स्थापना के बाद से प्रवर्तकों का ही प्रबंधन पर दबदबा रहा और सितंबर 2018 में रिजर्व बैंक के निर्देश पर प्रवर्तक इससे बाहर हुए तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं मुख्य वित्त अधिकारी की नियुक्ति की गई। इसके निदेशक मंडल में रिजर्व बैंक के एक पूर्व डिप्टी गवर्नर को नियुक्त किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बैंक में कई बार पूंजी निवेश करने की कोशिश की गई, लेकिन नवंबर 2019 में यह साफ हो गया कि इसमें नया पूंजी निवेश नहीं हो पा रहा है। 
webdunia
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले इस बैंक ने अधिक जोखिम वाली कंपनियों जैसे अनिल अंबानी ग्रुप, एस्सेल ग्रुप, डीएचएफएल, आईएलएफएस और वोडाफोन को ऋण दिया गया था। बैंक ने बड़े-बड़े लोगों को कर्ज दिया है, इसकी भी जांच की जा रही है।
 
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को YES बैंक पर रोक लगाने और निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग करने का ऐलान कर दिया था। रिजर्व बैंक ने यस बैंक के ग्राहकों पर भी महीने में 50,000 रुपए से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LoC पर मिसाइलों के इस्तेमाल के बाद तनातनी का माहौल