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जम्मू् सीमा के गांवों में पाक की ओर से भीषण गोलाबारी, 10 की मौत

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सुरेश डुग्गर

जम्मू , मंगलवार, 1 नवंबर 2016 (13:49 IST)
जम्मू। पाकिस्तानी सेना ने जम्मू सीमा तथा एलओसी के कई गांवों को गोलों की बरसात से पाटा तो चारों ओर मौत ही बिखर गई। समाचार भिजवाए जाने तक 10 लोगों की मौत हो चुकी थी और 27 से अधिक लोग जख्मी हो चुके थे। मरने वालों में 6 महिलाएं और चार बच्चे हैं। सैंकड़ों जानवर या तो मारे जा चुके थे या फिर जख्मी हो गए थे। ऐसा माहौल सिर्फ जम्मू सीमा पर ही नहीं है, एलओसी के कई अन्य सेक्टरों में भी पाक गोलाबारी के कारण त्राहि-त्राहि मची हुई है। हालांकि भारतीय पक्ष की ओर से भी मुंहतोड़ दिए जा रहे जवाब के कारण उस पार भी ऐसी ही स्थिति है।   
 
 
 
आज तड़के ही पाक सेना ने सांबा, और रामगढ़ सेक्टरों को निशाना बना मोर्टार के साथ छोटे तोपखाने के मुंह खोले थे। पाक रेंजरों द्वारा पाक सैनिकों के साथ मिल कर छोटे तोपखानों का इंटरनेशनल बार्डर पर इस्तेमाल किए जाने से बीएसएफ हैरान थी जिसे अंततः सेना से मदद मांगनी पड़ी है।
 
पाक गोलों की बरसात ने सांबा और रामगढ़ सेक्टर के कई गांवों में तबाही मचा दी थी। पिंडी, अरनिया, जेरडा तथा रंगूर गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। नतीजतन 6 लोगों की मौत हो गई। इनमें 35 साल की अंजू देवी, 18 साल की राजेंद्र कौर, 5 साल के रिषभ, 6 साल के अभि और दो अज्ञात महिलाओं की गोले लगने से मौत हो गई। तकरीबन 27 लोगों के जख्मी होने की खबर है जिनमें 10 से अधिक महिलाएं हैं।
 
एलओसी के मेंढर, राजौरी, नौशहरा, कलाल, पुंछ, बालाकोट तथा मनकोट में भी पाक तोपखानों ने आग बरसाई थी। नतीजतन सास-बहू और दो बच्चों समेत चार की मौत हो गई और दर्जन भर लोग जख्मी हो गए। मेंढर की एक मार्केट में तीन गोले गिरने से कई दुकानें और मकान क्षतिग्रस्त हो गए। दर्जनों लोग जख्मी भी हो गए। 
 
रक्षाधिकारियों के लिए चिंता का विषय इंटरनेशनल बार्डर पर शांतिकाल में पाक सेना द्वारा छोटे तोपखानों और छोटी रेंज की मिसाइलों का इस्तेमाल कर उन गांवों को भी निशाना बनाया जाना है जहां तक मोर्टार और गोलियों की पहुंच नहीं थी। बताया जाता है कि इंटरनेशन बार्डर पर तोपखाने का इस्तेमाल करने के लिए सेना ने रक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी है जिसका फिलहाल इंतजार किया जा रहा है।
 
अधिकारियों ने बताया कि पाक गोलाबरी के कारण एलओसी तथा जम्मू सीमा के करीब 3 दर्जन घरों को आज क्षति पहुंची है। कई घरों की छतें भी उड़ गई हैं जबकि मारे गए पशुओं की संख्या सैंकड़ों में है। सीमावर्ती गांवों में सुनसान पड़े गांवों में खूंटे से बंधे हुए मूक जानवर या तो मारे जा चुके हैं या फिर जख्मी है। गोलाबारी के कारण पलायन करने वाले सीमावासी उनको साथ नहीं ले जा पाए थे।
 
एक अनुमान के अनुसार, पिछले एक पखवाड़े में जम्मू सीमा तथा एलओसी के गांवों से एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर होना पड़ा है। हालांकि जिन लोगों ने अभी तक घरों को नहीं त्यागा वे गोलाबारी का शिकार हो गए हैं।
 
भारतीय पक्ष की ओर से भी हालांकि मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई की जा रही है और भारतीय पक्ष सिर्फ सैनिक ठिकानों को निशाना बना रहा है पर उसकी जवाबी कार्रवाई में वे पाक नागरिक ठिकानें आ ही जाते हैं जो सैनिक ठिकानों के आस पास हैं।

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