कश्मीर घाटी में नियंत्रण रेखा से लगे माछिल सेक्टर में बर्फ के नीचे कई घंटे फंसे रहने के बाद सेना के पांच जवानों को शनिवार को निकाल तो लिया गया था लेकिन सोमवार को वो पांचों सैनिक शहीद हो गए कहा जा रहा है कि तूफानी मौसम की वजह से सेना को अपने पांच जवानों को विशेष इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा था, 'कश्मीर घाटी में जबरदस्त कोहरा है और रुक रुककर बर्फबारी हो रही है। सेना के पायलट इन पांच जवानों को सुरक्षित निकालकर उन्हें विशेष इलाज के लिए श्रीनगर पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे।'
उल्लेखनीय है कि सेना के ये जवान शनिवार को माछिल सेक्टर में एक चौकी के पास बर्फ के नीचे दब गए थे, लेकिन हिमस्खलन बचाव टीमों द्वारा इन्हें बचा लिया गया था। हालांकि 25 जनवरी को कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन में मारे गए 14 जवानों का पार्थिव शरीर श्रीनगर नहीं ले जाया जा सका क्योंकि खराब मौसम के चलते उड़ान परिचालन प्रभावित है।
इससे पहले सेना के एक अधिकारी ने बताया था, 'सभी पांचों सैनिकों को जीवित बचा लिया गया और उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।' उन्होंने कहा कि आज सुबह माछिल में सेना की एक चौकी की ओर जाने वाले बर्फीले मार्ग के धंस जाने से पांच जवानों के फंस जाने के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू किया गया था।
कश्मीर घाटी में बुधवार से हिमस्खलन और हिमपात से जुड़ी कई घटनाओं में अब तक 15 जवानों सहित 21 लोग मारे जा चुके हैं। अधिकारियों ने यहां भारी हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है।