नई दिल्ली। Flood in gujrat : भारत के कई राज्यों में बारिश से हाल बेहाल हैं। भारी बारिश से नदियां उफान पर होने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अहमदाबाद समेत गुजरात के दक्षिण एवं मध्य भागों में स्थित विभिन्न जिलों के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश होने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। भारी बारिश के बाद जल जमाव की स्थिति है। मीडिया खबरों के मुताबिक गुजरात में बाढ़जनित घटनाओं में 63 लोगों की मौत हो गई।
अहमदाबाद सहित गुजरात के दक्षिण एवं मध्य भागों में स्थित विभिन्न जिलों के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश होने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है और वहां से करीब 9000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत की तथा उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तैनात : भारी वर्षा के कारण राज्य राजकीय मार्गों एवं पंचायत सड़कों समेत 388 रास्ते बंद हो गये थे जिन्हें यातायात के लिए खोलने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें कहा गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 13 टीम और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 16 टीम बचाव अभियान कार्य में जुटी हुई हैं। बयान के अनुसार 13 बांधों को हाई अलर्ट पर तथा आठ को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि भारी बारिश के कारण उनका जलस्तर बढ़ गया है।
अहमदाबाद में हालात भयावह : आईएमडी ने अगले पांच दिनों के दौरान दक्षिण गुजरात में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश तथा मध्य गुजरात एवं सौराष्ट्र में भी मूसलाधार बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। अहमदाबाद में रविवार रात को 219 मिलीमीटर वर्षा हुई जिससे कई आवासीय क्षेत्रों तथा अंडरपास एवं सड़कों पर पानी जमा हो गया। शहर के कई क्षेत्र पानी में डूबे हुए हैं जिससे यात्रियों को कठिनाई हुईं। सोमवार को शहर में विद्यालय एवं महाविद्यालय बंद रहे।
1000 लोग सुरक्षित स्थानों पर : मध्य गुजरात के नर्मदा एवं छोटा उदयपुर जिलों में तथा दक्षिण गुजरात के सूरत, तापी एवं वलसाड में भारी बारिश का बुरा असर पड़ा है। वलसाड जिले में एक गांव से करीब 10 लोगों को निकाला गया जो औरंगा नदी में बाढ़ आ जाने के कारण फंस गए थे। राजस्व अधिकारी माधवी मिस्री ने यह जानकारी दी। मिस्री के अनुसार वलसाड में वर्षा प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों से करीब 1000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 15 को बचाया गया , जिनमें पांच एक शहरी क्षेत्र के हैं।
नासिक जिले में भारी बारिश : महाराष्ट्र के नासिक जिले में सोमवार को भारी बारिश जारी रहने से कई नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद गढ़चिरौली जिले में तीन व्यक्ति लापता हैं तथा मुंबई एवं उसके आसपास भी मध्यम वर्षा हुई है। अधिकारियों ने बताया कि नासिक जिले में भारी बारिश जारी है जिससे कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है एवं गोदावरी में नदीतल पर स्थित मंदिर डूब गए हैं। गोदावरी एवं अन्य नदियों के तटों के आसपास बसे गांवों के लोगों को स्थिति को लेकर सतर्क कर दिया गया है। वैसे फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान के नीचे है।
नहरें नदियां उफान पर : डिंडोरी, त्रयम्बकेश्वर, डेलावारे, निपहद और घोटी जैसे क्षेत्रों में कई छोटी नदियां एवं नहरें भारी बारिश के बाद उफान पर हैं। इन जलाशयों के आसपास की कई सड़कें एहतियात के तौर पर बंद कर दी गयी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी महाराष्ट्र के वास्ते तीन दिनों के लिए लाल वर्षा अलर्ट जारी किये जाने के मद्देनजर वहां के लिए राज्य आपदा प्रबंधन मोचन बल की टीम मंगायी गयी है। मुंबई एंव उसके आसपास के क्षेत्रों में सोमवार हल्की से मध्यम वर्षा हुई लेकिन शहर में कहीं से जलभराव की खबर सामने नहीं आयी है। अधिकारियों के अनुसार पुणे जिले में भारी वर्षा के बाद भीमशंकर मंदिर को जाने वाली एक सड़क पर भूस्खलन हुआ। भीमशंकर 12 ज्योतर्लिंगों में एक है और मुंबई से 200 किलोमीटर दूर है।
नासिक के लिए रेड अलर्ट : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 14 जुलाई तक नासिक के लिए रेडअलर्ट जारी किया है और अगले 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है। पुणे जिले में भी पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। पूर्वी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पिछले तीन दिनों में तीन व्यक्ति उफनते नाले के तेज प्रवाह में बह गये और बाद में उनके शव मिले। जिला सूचना कार्यालय ने यह जानकारी दी। जिले में भारी वर्षा से प्रभावित 129 स्थानों से 353 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है। एक अधिकारी के अनुसार नासिक जिले में सुरगना में सबसे अधिक वर्षा 238.8 मिलीमीटर, पेठ में 187.6 मिलीमीटर और त्रयम्बेकश्वर में 168 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गयी।
बांधों से छोड़ा गया पानी : त्रयम्बकेश्वर और इगतपुरी जैसे घाट क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से अधिक वर्षा तो होती ही है लेकिन इस बार सुरगना एवं पेठ में भी अच्छी -खासी बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि सोमवार को तीन बजे गंगापुर बांध से 10,035 क्यूसेक, डरना से 15,088 क्यूसेक, कडवा से 6,712 और नंदूर-मध्यमेश्वर से 49,480 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिकारी ने बताया कि शहर में जलापूर्ति करने वाले गंगापुर बांध से पानी छोड़े जाने से गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ गया तथा दशक्रिया विधि समेत रामखुंड क्षेत्र में कई छोटे मंदिर पानी में डूब गये।
एक अधिकारी ने कहा कि नासिक के लोग नदी के मध्य में स्थित दतोन्दय मारूति (दो मुंह वाले हनुमान) की प्रतिमा के इर्द-गिर्द पानी का स्तर देखकर बाढ़ की तीव्रता का अंदाजा लगाते हैं। फिलहाल जलस्तर प्रतिमा की कमर से थोड़ा नीचे है। जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार सभी बांधों में कुल 29,9730 लाख घन फुट पानी है जो उनकी कुल भंडारण क्षमता का 46 फीसद है।
मध्यप्रदेश में हाईअलर्ट : मध्यप्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए है। राजधानी भोपाल के साथ विदिशा, सीहोर, रायसेन, गुना, शिवपुरी, बैतूल, मंडला, खरगोन और श्योपुर में भारी बारिश के चलते कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगातार बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राजधानी में लगातार हो रही भारी बारिश से शहर की कई कॉलोनियां पानी में डूब गई हैं। होशंगाबाद रोड स्थित कई कॉलोनियों में पानी घरों के अंदर घुस गया है। पानी में घिरे होने के चलते इन घरों में लोग घरों में कैद हो गए है। मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 33 जिलों में भारी बारिश के आसार है। (एजेंसियां)