Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या है अग्निवीर स्कीम को लेकर पूर्व सेना प्रमुख नरवणे का चौंकाने वाला खुलासा

Advertiesment
हमें फॉलो करें mukund narwane
, गुरुवार, 21 दिसंबर 2023 (14:42 IST)
Agniveer scheme news : पूर्व आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी नई किताब ‘फॉर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में मोदी सरकार की अग्निवीर स्कीम को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूर्व सेना प्रमुख ने अपनी नई किताब में अग्निपथ योजना के शुरू होने की पूरी कहानी बताई है।
 
जनरल नरवणे के अनुसार, सेना प्रमुख बनने के कुछ हफ्तों बाद ही प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी एक बैठक हुई थी। इसमें उन्हें भारतीय सेना के लिए टूर ऑफ ड्यूटी जैसे एक मॉडल के बारे में बताया गया था।  
 
नरवणे ने कहा कि अग्निपथ योजना के लिए कई मॉडलों पर विचार किया गया था। सेना का शुरुआती विचार ये था कि इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले 75% कर्मचारियों को सेना में ही नौकरी करते रहना चाहिए। वहीं, 25% कर्मचारियों को अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद निकाल दिया जाना चाहिए। 
 
उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि अग्निवीर का वेतन 20,000 रुपए प्रति माह फाइनल किया गया था। लेकिन फिर सेना ने इनके वेतन में वृद्धि की सिफारिश की थी। सेना की सिफारिशों के बाद वेतन बढ़ाकर 30,000 रुपए किया गया।
 
उन्होंने अपनी किताब ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में लिखा कि उन्होंने 2020 में PM मोदी को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’स्कीम का प्रस्ताव दिया था। इसमें अग्निवीरों की तरह ही जवानों को कुछ समय के लिए भर्ती करने का सुझाव दिया था, जो सिर्फ इंडियन आर्मी के लिए मान्य था।
 
नरवणे ने लिखा कि कुछ समय बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)अग्निपथ योजना लेकर आया। इसमें थल सेना के साथ-साथ वायु सेना और नौसेना को भी शामिल किया गया। इस योजना ने आर्मी से ज्यादा वायु सेना और नौसेना को चौंकाया।
 
16 जून, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का जन्मदिन है और वे इसे जल्दी नहीं भूल पाएंगे, क्योंकि 2020 में इसी दिन 20 साल में पहली बार चीन और उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को सबसे घातक मुठभेड़ का सामना करना पड़ा था।
 
उन्होंने लिखा कि चीन ने छोटे पड़ोसियों को डराने-धमकाने के लिए वुल्फ वॉरियर कूटनीति और सलामी-स्लाइसिंग रणनीति अपनाई।
 
नरवणे ने किताब में गलवान घाटी में हुई घातक झड़पों के बारे में कई खास और दुर्लभ जानकारी देते हुए कहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसे कभी नहीं भूलेंगे। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 सैन्यकर्मियों की मौत को याद करते हुए नरवणे ने बताया कि यह मेरे पूरे करियर के सबसे दुखद दिनों में से एक था। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कुमारस्वामी मिले पीएम मोदी से, लोकसभा सीटों के तालमेल पर हुई चर्चा