कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वे सरकार के कामकाज में दखल देते थे, इस दखलंदाजी के कारण उन्हें सरकार और कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ी। एसएम कृष्णा का यह बयान और महत्वपूर्ण हो जाता है जब राहुल गांधी राफेल मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं।
एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए एसएम कृष्णा ने कहा कि राहुल गांधी के दखल से परेशान होकर उन्होंने विदेश मंत्री का पद छोड़ा था। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि अपने पास काम करने का कोई और रास्ता नहीं देखकर मैंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया।
एसएम कृष्णा ने कहा कि 10 साल पहले राहुल गांधी पार्टी में किसी महत्वपूर्ण पद पर नहीं थे। पार्टी से जुड़े हर फैसले में वे हस्तक्षेप करते थे। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे उस वक्त भी राहुल गांधी के पास कई महत्वपूर्ण मुद्दे चर्चा के लिए भेजे जाते थे, जबकि प्रधानमंत्री को इस विषय में जानकारी भी नहीं रहती थी। कांग्रेस का गठबंधन की सहयोगी पार्टियों पर कोई नियंत्रण नहीं था। इसी कारण यूपीए 2 के कार्यकाल में एक के बाद एक 2जी स्पैक्ट्रम, कॉमनवेल्थ घोटाला, कोयला घोटाले जैसे बड़े घोटाले हुए।
एसएम कृष्णा ने राहुल गांधी के हस्तक्षेप को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि '2009 से 2014 तक मैं सरकार में था और सरकार के हर अच्छे-बुरे फैसले की जिम्मेदारी मुझ पर बनती है। कृष्णा ने यह भी आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री का सरकार, कैबिनेट और सहयोगी दलों पर कोई नियंत्रण नहीं था। सब कुछ पर कंट्रोल राहुल गांधी का था और वे ऐसे काम कर रहे थे जैसे कि वे कोई अतिरिक्त संवैधानिक संस्था हों।
कृष्णा ने कहा कि बतौर विदेश मंत्री साढ़े तीन साल का उनका कार्यकाल बेहतरीन था। उन्हें हटाने का आदेश राहुल गांधी ने दिया, क्योंकि वे 80 साल से अधिक उम्र के नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं देना चाहते थे। भाजपा में शामिल होने के बाद भी कृष्णा सक्रिय राजनीति से लगभग दूर ही हैं।