कोलकाता। भारतीय गुप्चतर एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के अंत में किसी समय पाकिस्तान की ओर शांति का हाथ बढ़ाएंगे और पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान की मदद करेंगे।
दुलत ने भारत के नए सहयोगी अमेरिका के बहुत दूर होने, और हमारे पड़ोसियों के कहीं नजदीक होने का जिक्र करते हुए यह भी चेतावनी दी कि ईरान-रूस-चीन का एक ताकतवर गठजोड़ तैयार हो रहा है। रॉ के पूर्व निदेशक ने कहा, पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए हर समय बेहतर समय है। हमें अपने पड़ोसियों से संपर्क बनाए रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि थोड़ा और सार्वजनिक संपर्क के साथ वार्ता खुली रखी जाए। ऐसा समझा जाता है कि दुलत ने रॉ प्रमुख रहने के दौरान पड़ोसी देश में कई गुप्तचर अभियान संचालित किए थे। दुलत ने कहा, मुझे लगता है कि इस साल मोदी जी पाकिस्तान की मदद करेंगे। कोई अंदरुनी सूचना नहीं है, लेकिन मुझे ऐसा लगता है।
घटते विदेशी मुद्रा भंडार, राष्ट्रव्यापी बिजली कटौती, राजनीतिक अस्थिरता और डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए के (मूल्य) गिरने ने पड़ोसी देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय राहत पैकेज मांगने के लिए मजबूर कर दिया है।
कई विश्लेषकों का मानना है कि संकट से निपटने की पाकिस्तान की पुरानी पद्धति अब काम नहीं कर रही है और इसलिए यह भारत के साथ शांति एवं व्यापार की बात करने के लिए कहीं अधिक खुला हो सकता है। हालांकि दुलत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मेलजोल हमेशा ही घरेलू राजनीति से प्रभावित रहा है।
दोनों पड़ोसी देशों के बीच अतीत में शांति वार्ता घरेलू धारणाओं की बंधक रही है और पाकिस्तान ने भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने से इनकार किया है, जबकि वह (पाकिस्तान) विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को इसे प्रदान करने के लिए आबद्ध है।
पूर्व रॉ प्रमुख ने कहा कि चीन के लिए कूटनीतिक कोशिश को और अधिक खुली कूटनीति का रूप देने की जरूरत है (जहां चीन को) ऐसा लगे कि भारत उसके प्रति मददगार रहने का इरादा रखता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठकों के बावजूद अमेरिका को भी भारत प्रसन्न करता रहा है।
उन्होंने कहा, आप रुख से पलट जाते हैं और ट्रंप का स्वागत करते हैं, जो चीनियों को पसंद नहीं आता है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना भारत की गुटनिरपेक्ष परंपरा का हिस्सा रहा है। पूर्व रॉ प्रमुख ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान-रूस-चीन का एक ताकतवर गठजोड़ तैयार हो रहा है।
पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध की जरूरत को रेखांकित करते हुए दुलत ने कहा, अमेरिका के साथ हमारे संबंध बेहतर हुए हैं, जो कि बहुत सकारात्मक है, लेकिन अमेरिका (भौगोलिक रूप से) बहुत दूर है, हमारे पड़ोसी कहीं नजदीक हैं।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)