- बिहार में 20 से ज्यादा लोग पाकिस्तानी आईएसआई के हनीट्रैप का शिकार
-
अब गुजरात पुलिस ने हनी ट्रेप को ट्रैककरने कसी कमर
-
आरोपी ने DRDO द्वारा निर्मित ड्रोनों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की
मैं तेरे प्यार में क्या क्या न बना दिलबर... ये एक हिंदी फिल्म का गाना है। लेकिन आज भी चरितार्थ है। हालांकि इस दीवाने ने गर्लफ्रेंड के चक्कर में भारत की खुफिया जानकारी दुश्मन देश पाकिस्तान को भेज दी। बिहार से शुरू हुए हनी ट्रेप के इस मामले में अब गुजरात पुलिस भी उलझ गई है। खुलासा हुआ है कि 20 से ज्यादा लोग पाकिस्तानी आईएसआई के हनीट्रैप का शिकार हो चुके हैं।
जानते हैं कैसे एक मूरख प्रेमी ने अपनी गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के चक्कर में अपने ही देश की खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेज डाली। दरअसल, पाकिस्तानी आईएसआई (ISI) एजेंट ने सोशल मीडिया के जरिए पहले एक युवक को हनी ट्रैप में फंसाया। जब वो पूरी तरह से उसके प्यार में दीवाना हो गया तो भारत की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान भेजने लगा। जांच में सामने आया है कि आरोपी ने डीआरडीओ से संबंधी कुछ जानकारियां पाकिस्तान को शेयर की हैं।
क्या पाकिस्तान गई सूचनाएं: बता दें कि सीआईडी क्राइम ब्रांच ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले एक पाकिस्तानी जासूस प्रवीण मिश्रा को भरूच से गिरफ्तार किया है। आर्मी इंटेलिजेंस के मुताबिक अब गुजरात पुलिस की टीम, सीआईडी क्राइम और मुजफ्फरपुर पुलिस जिले में छापेमारी कर रही है। उन्हें शक है कि इस हनी ट्रेप की मदद से भारत की संवेदनशील सूचनाएं पाक भेजी गई है।
कैसे फंसा हनीट्रेप में : सीआइडी क्राइम के मुताबिक गिरफ्तार जासूस प्रवीण मिश्रा से ने पूछताछ में बताया कि वह सोशल मीडिया पर अपनी गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए जासूस बना था। जांच में सामने आया कि पाकिस्तान खुफिया एजेंट ने फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर उसे हनीट्रैप में फंसाया। आईएसआई एजेंट सोनल गर्ग ने प्रवीण मिश्रा को फंसाया। पहले दोनों के बीच मैसेज से दोस्ती हुई। उसके बाद हुआ व्हाट्सएप नंबर दिया, जहां लंबी बातें हुईं। प्रवीण बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है और गुजरात के अंकलेश्वर जीआईडीसी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत था।
इसलिए आसान टारगेट था प्रवीण: दरअसल, प्रवीण मिश्रा का भाई भी सेना में कार्यरत है। इसलिए सोशल मीडिया के जरिए प्रवीण को निशाना बनाना आसान था। वे मैलवेयर वायरस से फोन हैक कर सारी जानकारी हासिल कर लेते थे। हालांकि, सीआईडी क्राइम को बिहार से एक और पाकिस्तानी जासूस की जानकारी मिली है, जिसे पकड़ने के लिए एक गुजरात पुलिस की टीम बिहार पहुंची है। खुलासा हुआ है कि 20 से ज्यादा लोग पाकिस्तानी आईएसआई के हनीट्रैप का शिकार हो चुके हैं।
कैसे फंसाते हैं हनी ट्रेप में: बता दें कि हनी-ट्रैपर्स देश के रक्षा प्रतिष्ठानों में काम करने वाले या उनसे जुड़े लोगों को निशाना बनाते हैं। प्रवीण मिश्रा ने हैदराबाद में एक संगठन में काम किया था, जिसके बदले में उसे DRDO के साथ काम करने का मौका मिला। प्रवीण मिश्रा ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की हैं। साथ ही रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए काम करने वाले कई अन्य लोगों को भी निशाना बनाया गया है। प्रवीण मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने DRDO द्वारा निर्मित ड्रोनों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की थीं। ISI हैंडलर ने प्रवीण मिश्रा के कार्यालय सर्वर पर भी मैलवेयर इंस्टॉल करने की कोशिश की थी।
कैसे हुआ खुलासा: आर्मी इंटेलिजेंस की एमआई उदमपुर यूनिट को पाकिस्तानी जासूसों के बारे में मिले इनपुट पर सीआईडी क्राइम ने भरूच से प्रवीण मिश्रा को गिरफ्तार किया था। सीआइडी क्राइम के एडीजीपी राजकुमार पांडियन ने बताया कि आरोपी भारत से पाकिस्तान में आईएसआईएस एजेंटों को खुफिया जानकारी भेज रहा था, जिसके आधार पर सीआईडी क्राइम ने प्रवीण मिश्रा को गिरफ्तार किया गिरफ्तार किया गया है। उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। इस मोबाइल फोन में पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के गुर्गों के साथ व्हाट्सएप चैट और ऑडियो कॉल समेत बेहद संवेदनशील जानकारी मिली है। हालांकि सभी जांच एजेंसियां मिलकर इन्वेस्टिगेट कर रही हैं।
Edited by Navin Rangiyal