सरकार ने सोमवार को शोर-शराबे के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयक लोकसभा में पेश किए। प्रश्नकाल के बाद आवश्यक दस्तावेज सदन में रखे जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जीएसटी से जुड़े विधेयक पेश करने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली का नाम पुकारा जिस पर विपक्षी सदस्य इसे गलत तरीके से कार्यसूची में शामिल करने का आरोप लगाते हुए हल्ला करने लगे।
कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने नियम 72 का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने इसे संशोधित कार्यसूची में भी शामिल नहीं कर सदस्यों को बहस के लिए तैयारी करने का मौका नहीं दिया जो गलत है। अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी इस पर हंगामा किया।
श्रीमती महाजन ने कहा कि इन विधेयकों को पेश करने का फैसला शुक्रवार शाम को किया गया था और शनिवार सुबह सभी सदस्यों को इसके बारे में सूचना दे दी गई थी। हालांकि, शनिवार और रविवार का दिन होने के कारण इसे कार्यसूची में शामिल नहीं किया जा सका।
उन्होंने कहा कि शनिवार को सूचना दे दिए जाने के कारण इसे आज सदन में पेश किया जा सकता है और उन्होंने जेटली को इसकी अनुमति दी है।
इसके बाद जेटली ने एक-एक करके एस-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और राज्यों को क्षतिपूर्ति संबंधी विधेयक सदन में पेश किए। (वार्ता)