नई दिल्ली। डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर दुनियाभर में चल रही बहस के बीच गूगल ने अपने उपयोगकर्ताओं को आंकड़ों (डेटा) पर ज्यादा नियंत्रण देने के लिए अगले कुछ महीनों में कई फीचर्स देने की घोषणा की है। इनमें सर्च (खोज) और मैप (नक्शे) से जुड़े फीचर्स शामिल हैं।
गूगल ने डेवलपरों के लिए आयोजित आई/ओ सम्मलेन में कहा कि यह उपयोगकर्ताओं के लिए मैप, असिस्टेंट और यू-ट्यूब में आकड़ों या जानकारियों के प्रबंधन को आसान बना देगा। कंपनी ने एक कंट्रोल फीचर पेश किया है, जो उपयोगकर्ताओं को लोकेशन, वेब एवं एप की गतिविधियों से जुड़ी जानकारियों को 3 महीने या 18 महीने तक सहेजकर रखने का विकल्प देता है।
गूगल जल्द ही उपयोगकर्ताओं को सीधे गूगल मैप्स में लोकेशन गतिविधि से संबंधित जानकारी की समीक्षा करने और हटाने (डिलीट) की सुविधा देगी। इसके अलावा वह मैप में इनकॉगनिटो मोड का निर्माण कर रहा है। गूगल इस महीने के आखिर तक सर्च, मैप, यूट्यूब, क्रोम, असिस्टेंट और गूगल न्यूज जैसे प्लेटफॉर्म में निजता और सुरक्षा सेटिंग्स के लिए वन-टैप सुविधा लाने पर काम रही है।
गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने मंगलवार देर रात कार्यक्रम में कहा कि हमारा मानना है कि गोपनीयता कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए जरूरी है। हम उपयोगकर्ताओं की उम्मीदों को पूरा करने में आगे रहना चाहते हैं।
गूगल ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि हमारा मानना है कि निजता और सुरक्षा सभी के लिए है। हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि हमारे उत्पाद सुरक्षित हैं और हम प्रौद्योगिकी में निवेश करते रहेंगे।
कंपनी ने अपने मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के आगामी संस्करण 'एंड्रॉयड क्यू' की भी घोषणा की है। गूगल ने कहा कि यह ऑपरेटिग सिस्टम निजता को खासा तवज्जो देगा और उपयोगकर्ताओं को ज्यादा नियंत्रण और पारदर्शिता उपलब्ध करवाएगा। गूगल ने कहा कि मशीन लर्निंग के बेहतर होने से उसका निजता सुरक्षा तंत्र मजबूत हो रहा है।