सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि इस वर्ष 30 जुलाई तक कुल 48 हवाई यात्रियों को निषिद्ध उड़ान सूची (नो-फ्लाई लिस्ट) में डाला गया है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी जानकारी दी कि अशिष्ट या अनुशासनहीन व्यवहार करने वाले यात्रियों पर उनके आचरण की गंभीरता के आधार पर उड़ान प्रतिबंध की अवधि तय की जाती है।
उनके द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 82 और 2023 में 110 यात्रियों को निषिद्ध उड़ान सूची में डाला गया था। वहीं 2022 में 63, 2021 में 66, और 2020 में 10 यात्रियों को निषिद्ध उड़ान सूची में शामिल किया गया था।
मोहोल ने बताया कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा जारी नागर विमानन नियमन के तहत, विमान में अनुशासनहीन यात्रियों को उनकी गलत हरकत की गंभीरता के आधार पर तीन स्तरों में वर्गीकृत किया गया है।
उन्होंने बताया कि स्तर-1 की अनुशासनहीनता के लिए अधिकतम तीन महीने, स्तर-2 के लिए अधिकतम छह महीने, और स्तर-3 के लिए न्यूनतम दो वर्ष या उससे अधिक की उड़ान प्रतिबंध अवधि निर्धारित की जाती है।
हाल के हफ्तों में अशोभनीय आचरण के कई मामलों की सूचना मिली है। एक अगस्त को इंडिगो की मुंबई-कोलकाता उड़ान में एक यात्री ने सहयात्री को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद एयरलाइन ने उस यात्री पर अपने विमानों में यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया।
एक अन्य घटना में, 26 जुलाई को श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी पर निजी एयरलाइन के चार कर्मचारियों के साथ मारपीट करने और एक को रीढ़ की हड्डी में चोट पहुँचाने का आरोप लगा है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है।
इस मामले में अधिकारी ने भी एयरलाइन स्टाफ पर हमले का दावा करते हुए शिकायत दर्ज करवाई है, जिसके आधार पर पुलिस ने एयरलाइन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है। Edited by : Sudhir Sharma