ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत नाजुक, 'उम्मीद' है जीत जिंदगी की ही होगी
सिंह ने इस पत्र में अपनी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह उन्होंने इन उपलब्धियों को हासिल किया। उन्होंने लिखा कि व्यक्ति को कभी भी उम्मीदें नहीं छोड़नी चाहिए।
नई दिल्ली। हेलिकॉप्टर हादसे में एकमात्र जीवित बचे वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत अभी नाजुक बनी हुई है। इस दौरान उनके ऑपरेशन भी हो चुके हैं। पूरे देश उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा है।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पिछले 18 सितंबर को अपने स्कूल के प्रिंसिपल को पत्र लिखा था। इससे पता चलता है कि वे अपने शिक्षकों और स्कूल का कितना सम्मान करते थे। सिंह ने सर्वप्रथम कोरोना महामारी काल में विद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की कामना की।
उन्होंने लिखा वे स्कूल से 2000 बैच के पासआउट हैं। उन्होंने उस समय के प्रिंसिपल अवतार सिंह और वाइस प्रिंसिपल विजय लक्ष्मी का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विजय लक्ष्मी हमारी इंग्लिश टीचर हुआ करती थीं। उन्होंने लिखा- स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उनका एनडीए में चयन हो गया और उन्होंने एयरफोर्स की फ्लाइंग ब्रांच को चुना।
वरुण सिंह ने पत्र में कहा कि मुझे गर्व है कि इस साल 15 अगस्त के मौके पर उन्हें राष्ट्रपति द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने पत्र में अपनी जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
उन्होंने बताया कि पढ़ाई एवं खेल में एक औसत विद्यार्थी थे। लेकिन, एयरफोर्स और एविएशन क्षेत्र में जाने के लिए उनके भीतर एक जुनून था। उन्होंने स्कूल की तरफ से एयरोनॉटिकल सोसायटी द्वारा आयोजित क्विज में भी भागीदारी थी, जिसमें वे एक बार दूसरे एवं दूसरी बार तीसरे स्थान पर रहे थे।
सिंह ने इस पत्र में अपनी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया कि किस तरह उन्होंने इन उपलब्धियों को हासिल किया। उन्होंने लिखा कि व्यक्ति को कभी भी उम्मीदें नहीं छोड़नी चाहिए।