नई दिल्ली। मोदी सरकार सरकार को उम्मीद है कि आगामी मानसून सत्र में संसद में जीएसटी बिल पास हो ही जाएगा। इस बिल के पास होने से उन लोगों को तगड़ा झटका लगेगा जो ऑफर में खरीदी करना पसंद करते हैं।
नहीं मिलेगा मुफ्त सामान, देना होगा टैक्स : एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी बिल के प्रावधान लागू होने के बाद से बाजार में एक खरीदों एक मुफ्त पाओं जैसे ऑफर कम हो जाएंगे। यदि कंपनी कोई चीज मुफ्त या ऑफर के तहत दे रही तो भी उस पर जीएसटी लगेगा। ऐसे उत्पादों पर फिल्हाल केवल एक्साइज ड्यूटी लगती है। इस पर वैट नहीं देना पड़ता है लेकिन अब वैट के रूप में इसकी गाज उपभोक्ताओं पर पड़ेगी।
हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या प्रमोशन के लिए मुफ्त बांटे जाने वाले प्रॉडक्ट पर भी यह कर देय होगा? यदि ऐसा होता है तो इसका कंपनियों की सेल्स और मार्कटिंग पॉलिसी पर बड़ा ज्यादा असर होगा।
ऑनलाइन शॉपिंग पर जीएसटी की मार, महंगा मिलेगा सामान : इस बिल के लागू होने से ई-कॉमर्स उद्योग पर बुरा असर पड़ेगा। जीएसटी के ड्राफ्ट कानून में ई-कॉमर्स कारोबारियों पर टीसीएस का प्रस्ताव उन्हें भारी नुकसान पहुंचाएगा। इससे उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सामान महंगा मिलेगा और वे स्थानीय बाजार से कीमतों की तुलना करने के बाद ही सामान खरीदेंगे।
हालांकि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी वस्तु एवं सेवा कर को 1947 के बाद सबसे बड़ा कर सुधार (टैक्स रिफॉर्म) माना जा रहा है। भारत में वर्ष 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था। सरकार का दावा है कि यह नौकरियों, ऋण की उपलब्धता को प्रोत्साहित करेगी और कंपनियों के वित्तीय संकट का समय पर समाधान सुनिश्चित करेगी।