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'जीएसटी' से भारत बनेगा एकीकृत बाजार

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नई दिल्ली , बुधवार, 3 अगस्त 2016 (22:49 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने अप्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में देश के अब तक के सबसे बड़े सुधार वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी) को बुधवार को राज्यसभा में पेश कर दिया। इसके पारित होने से पूरे देश के लिए अप्रत्यक्ष कर की दर एक समान हो जाएगी, जिससे भारत एकीकृत बाजार बन जाएगा।
राज्यसभा में पेश जीएसटी विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, जीएसटी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति तथा विनिर्माताओं से लेकर उपभोक्ताओं पर लगने वाला एक अकेला कर होगा। यह वस्तुओं के मूल्यवर्द्धन के प्रत्‍येक स्तर पर आरोपित होगा तथा आपूर्ति के चरण में यह अंतिम उपभोक्ता पर लागू होगा।
 
देश में जीएसटी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एक मजबूत सूचना प्रौद्योगिक प्रणाली होगी, जिससे करदाताओं को एक ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करने एवं भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे कर अनुपालन आसान और पारदर्शी बनेगा।
 
जीएसटी से देश में एकसमान अप्रत्यक्ष कर ढांचा और एक समान दर लागू करना सुनिश्चित होगा जिससे कारोबार करना आसान हो जाएगा। साथ ही कारोबारियों को विभिन्न राज्यों में लगने वाली अलग-अलग कर दर के कारण अपना कारोबार एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की समस्या से निजात मिल जाएगी। इससे परोक्ष एवं लेनदेन पर होने वाले अतिरिक्त व्यय में कमी आएगी, जो व्यापार एवं उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्द्धा में सुधार लाने में मददगार साबित होगा। (वार्ता)

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