नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में केंद्र और राज्य के दोहरे नियंत्रण के मुद्दे को छोड़कर इससे जुड़े कानूनों के प्रारूपों पर लगभग सहमति बन गई है। वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में गुरुवार को यहां जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई।
बैठक के बाद सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी कानून के प्रारूप के अधिकांश प्रावधानों पर लगभग सहमति बन गई है। इसमें कुल 193 प्रावधान हैं, जिनमें से एक मात्र दोहरे प्रशासिनक नियंत्रण के मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है। परिषद की कल भी बैठक होगी जिसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी को लागू करना चाहती है लेकिन इससे जुड़े कानूनों के प्रारूपों को जीएसटी परिषद के अंतिम रूप नहीं देने की वजह से संसद शीतकालीन सत्र में उन्हें पेश नहीं किया जा सका। अब तक परिषद की छ: बैठकें हो चुकी हैं और यह सातवीं बैठक है जिसमें उम्मीद की जा रही है इन प्रारूपों को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने हालांकि कहा है कि जीएसटी अप्रत्यक्ष कर है और इसको 1 अप्रैल से लागू करने की बाध्यता नहीं है। इसको वर्ष के दौरान कभी भी लागू किया जा सकता है और जीएसटी को 16 सितंबर 2017 से पहले लागू करने की अनिवार्यता है। (वार्ता)