नई दिल्ली। साख निर्धारक एवं बाजार अध्ययन कंपनी क्रिसिल का कहना है कि एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद सोने के गहने करीब एक प्रतिशत महंगे हो जाएंगे। जीएसटी में सोने पर कर की दर तीन प्रतिशत तय की गई है। निर्धारित वृहद कर स्लैबों से हटकर सोने के लिए विशेष रूप से दर तय की गई है। इस पर पुरानी व्यवस्था में कर की दर दो प्रतिशत थी।
क्रिसिल ने शुक्रवार को यहां बताया कि जीएसटी में सोने पर कर की दर तीन प्रतिशत तय की गई है। निर्धारित वृहद कर स्लैबों से हटकर सोने के लिए विशेष रूप से दर तय की गई है। इस पर पुरानी व्यवस्था में कर की दर दो प्रतिशत थी। इसके अलावा मेकिंग चार्ज पर भी पांच प्रतिशत कर लगाया गया है, जबकि पहले इस पर कोई कर नहीं था। उसने बताया कि कुल मिलाकर उपभोक्ताओं के लिए सोने के गहने करीब एक प्रतिशत महंगे हो जाएंगे।
क्रिसिल का कहना है कि जीएसटी से संगठित विक्रेताओं का फायदा होगा जो ब्रांड नाम के तहत रिटेल चेनों के जरिए बिक्री करते हैं। अभी देश में इसका गहनों का कारोबार करीब 2.85 लाख करोड़ रुपए का है जिसका 75 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र यानी स्थानीय दुकानदारों के पास है।
उसने कहा कि जीएसटी के अलावा सरकार द्वारा पिछले दिनों उठाए गए अन्य कदम जैसे दो लाख से ज्यादा के गहने खरीदने पर पैन कार्ड की अनिवार्यता, गोल्ड ऑन लोन तथा गोल्ड डिपॉजिट जैसी योजनाओं से संगठित क्षेत्र को फायदा होगा।
नई कर प्रणाली में संगठित क्षेत्र की लागत भी कम हो जाएगी। संगठित क्षेत्र के अधिकतर आउटलेट किराए पर हैं। इससे उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में किराए पर दिए गए कर की वापसी हो जाएगी। इसमें असंगठित क्षेत्र के लिए कर चोरी मुश्किल हो जाएगी क्योंकि पूरी आपूर्ति श्रृंखला जीएसटी के जाल में होगी। इससे इनकी लागत बढ़ेगी। (वार्ता)