एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यरात्रि में घंटा बजाए जाने के साथ लागू हो गया। संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है।
संसद के केंद्रीय कक्ष में सरकार के मंत्री, विभिन्न दलों के सदस्य एवं रतन टाटा सहित कुछ उद्योगपति तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू होने की लंबी यात्रा का उल्लेख करते हुए इसमें शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी लागू होने से दीर्घकाल में महंगाई पर लगाम लगेगी और कर वंचना कम होगी।
संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है जब मध्यरात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे।
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने भले ही इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया हो लेकिन आज केंद्रीय कक्ष में सपा, जदयू, जद-एस, राकांपा, टीआरएस, अन्नाद्रमुक, बीजद के सांसदों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, रतन टाटा सहित प्रमुख उद्योगपति एवं अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।
इस समारोह में मंच पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री जेटली एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा मौजूद थे। प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में, कैबिनेट मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा प्रमुख अमित शाह, राकांपा प्रमुख शरद पवार, सपा नेता रामगोपाल यादव, भाजपा नेता यशवंत सिन्हा आदि मौजूद थे।