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कपड़ा क्षेत्र को जीएसटी से राहत, किसानों को होगा यह फायदा

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नई दिल्ली , रविवार, 6 अगस्त 2017 (07:54 IST)
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की बैठक में कपड़ों की सिलाई से लेकर उनमें कशीदाकारी करने जैसे ‘जॉब वर्क’ पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया गया है। ट्रैक्टर के कुछ कलपुजों पर भी जीएसटी दर में कटौती की गई है।
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बैठक में कपड़ा क्षेत्र में सिलाई, बुनाई से लेकर कढ़ाई करने जैसे ‘जॉब वर्क’ पर जीएसटी दर को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय किया गया। पांच प्रतिशत की यह दर परिधानों, शॉल और कालीन में किए गए ’जॉब वर्क’ पर भी लागू होगी।
 
खेती में काम आने वाले विभिन्न उपकरणों को सस्ता करने के लिए परिषद ने ट्रैक्टर के कुछ कलपुर्जों पर भी जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही सरकारी कार्य अनुबंधों में भी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के साथ 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाएगा।
 
जीएसटी परिषद की आज हुई 20वी बैठक के बाद जेटली ने बताया कि परिषद ने 50,000 रुपए से अधिक राशि वाले सभी सामानों को दस किलोमीटर से अधिक दूरी पर ले जाने पर पहले ही आनलाइन पंजीकरण कराना होगा।
 
परिषद ने 15 दिन के भीतर मुनाफाखोरी-रोधी उपायों और जांच समिति बनाने को भी सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी। यह समिति इस पर गौर करेगी कि जीएसटी दर में कमी किए जाने के बावजूद इसका लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया गया अथवा नहीं।
 
जेटली ने बताया कि जीएसटी से छूट प्राप्त सामान को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखा गया है। यह जीएसटी परिषद द्वारा इस संबंध में तैयार किए गए मसौदा नियमों में कुछ राहत दी गई है।
 
ई-वे बिल संभवत: एक अक्टूबर से अमल में आ जाएगा। इस तरह जो परमिट जारी किया जाएगा उसके तहत एक दिन में 100 किलोमीटर तक माल का परिवहन किया जा सकेगा। इसके बाद प्रत्येक दिन में इतनी ही दूरी में माल परिवहन हो सकेगा। (भाषा) 


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