अहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को राज्यपाल से मिलकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि अब मैं संगठन में काम करना चाहता हूं।
उन्होंने राज्यपाल से मिलने के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं कि मैं यह जिम्मेदारी दी। उन्होंने कहा कि मुझे नरेंद्र मोदी का विशेष मार्गदर्शन मिला और गुजरात ने विकास के नए आयाम छुए।
उन्होंने कहा कि मुझे जो भी नई जिम्मेदारी मिलेगी, मैं उसे निभाऊंगा। उन्होंने कहा कि गुजरात का विकास अब नए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो।
गुजरात के राजनीतिक हमलों में माना जा रहा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री पाटीदार समाज से हो सकता है। सीएम पद की दौड़ में मनसुख मांडविया, पुरुषोतम रुपाला, नितिन पटेल का नाम आगे चल रहा है।
राजनीतिक जीवन : राजकोट पश्चिम से विधायक विजय रूपानी ने 1971 में जनसंघ के सदस्य बने तथा इसी समय वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ गए। उन्होंने राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की। वे गुजरात के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं, जो आपातकाल के दौरान जेल गए। रूपानी राज्यसभा सांसद के साथ पार्टी महासचिव भी रह चुके हैं।
युवाओं में लोकप्रिय रूपानी के बारे में कहा जाता है कि वे गुजरात की राजनीति को बखूबी समझते हैं। वे राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री भी रह चुके हैं साथ युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। 60 वर्ष के रूपानी को केशुभाई पटेल के जमाने में पार्टी ने मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। विजय रूपानी को कुशल चुनाव प्रबंधन के लिए भी जाना जाता है। 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में उन्होंने पूरी कुशलता से चुनाव का संचालन किया था, जहां भारी मतों से भाजपा की जीत हुई थी।