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...तो गुजरात में 60-65 सीटों पर सिमट जाएगी भाजपा

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, बुधवार, 3 अगस्त 2016 (12:35 IST)
गुजरात में दिनोदिन भाजपा की हालत पतली होती दिख रही है। एक सर्वे में तो यह बात निकलकर सामने आई है कि यदि राज्य में वर्तमान समय में चुनाव होते हैं तो भगवा पार्टी 60 से 65 सीटों पर सिमट जाएगी।
 
यह सर्वे किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा की पितृ संस्‍था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन ने किया है। यह सर्वे पिछले दिनों ऊना में दलित युवकों की पिटाई के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद किया गया है। सर्वे में यह बात सामने आई है कि हिन्दू मतों का ध्रुवीकरण तो भाजपा के पक्ष में हो रहा है, लेकिन दलित समुदाय भाजपा से दूर होता दिख रहा है, जो कि इस पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। 
 
गाय की खाल उतारने को लेकर दलितों की पिटाई के बाद यह सर्वे को आरएसएस के प्रचारकों की देखरेख में पूरा हुआ है, जिन्हें इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि संघ के इस सर्वे के बाद ही आनंदी बेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के लिए मनाया गया, जिन्होंने फेसबुक पर अपनी उम्र का हवाला देते हुए इस्तीफे के पेशकश की थी। 
 
सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि 2017 में होने वाले चुनाव में दलित और पाटीदार आंदोलन के कारण भाजपा को 18 सीटों पर नुकसान हो सकता है। सर्वे के अनुसार, आदिवासी भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण या जमीन आवंटन को लेकर आंदोलन छेड़ सकते हैं। गौरतलब है कि 2015 के पंचायत चुनाव में शहरी क्षेत्रों की तुलना में भाजपा को ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा नुकसान हुआ था।
 
संघ इस बात को लेकर भी ‍काफी चिंतित है कि मुस्लिम समुदाय दलितों के साथ एकजुटता प्रदर्शित कर रहा है। संघ दलितों को हिन्दुओं का ही हिस्सा मानता है। ऐसे में दलित और मुस्लिमों के एक मंच पर आने से संघ की चिंता और बढ़ गई है। भाजपा से दलितों की बढ़ती दूरी को संघ गंभीरता से ले रहा है। इसी कड़ी में संघ ऊना में सामाजिक सद्‍भावना सम्मेलन करने जा रहा है, जिससे दलितों की नाराजी को दूर किया जा सके। 

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