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करगिल युद्ध में शहीद नहीं हुए थे गुरमेहर के पिता

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, मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017 (17:13 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर शहीद मनदीपसिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने एबीवीपी के खिलाफ अभियान से खुद को अलग कर लिया है, वहीं अब उनके पिता को लेकर एक नई जानकारी सामने आ रही है। 
इस जानकारी के मुताबिक गुरमेहर के पिता कैप्टन मनदीपसिंह करगिल की लड़ाई में शहीद नहीं हुए थे, बल्कि वे 1999 में हुए आतंकवादी हमले के दौरान शहीद हुए थे। राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आतंकी हमले के दौरान मनदीपसिंह शहीद हुए थे। 6 अगस्त 1999 को उनके कैंप पर हमला हुआ था और कैप्टन मनदीप कुपवाड़ा में शहीद हुए थे। इस हमले में 6 और जवानों की जान गई थी। कारगिल की जंग 26 जुलाई 1999 को खत्‍म हो चुकी थी।
 
जानकारी के मुताबिक 1991 में कैप्टन मनदीप 49 आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट में शामिल हुए थे। जब शहीद हुए थे तो वे 4 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन का हिस्सा थे। 6 अगस्त 1999 को कुपवाड़ा जिले के चक नुतनुसा नाम के गांव के पास आतंकियों ने हमला किया था। यहीं उनका कैंप था। रात 1 बजकर 15 मिनट पर आतंकियों ने कैंप पर हमला किया था। उस दौरान कैप्टन सिंह अपनी के बाएं कंधे में गोली लगी थी और वे शहीद हो गए। 
 
क्या गुरमेहर का दावा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खिलाफ अभियान छेड़ने वाली कैप्टन मनदीपसिंह की बेटी गुरमेहर ने सालभर पहले अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि उनके पिता करगिल की लड़ाई में शहीद हुए थे। पोस्ट में गुरमेहर ने यह भी कहा था कि उसके पिता को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा है।

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