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एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ी लेकिन चिंता बरकरार : सुषमा

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, गुरुवार, 26 जुलाई 2018 (17:14 IST)
नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नौकरियों में अमेरिकी नागरिकों को वरीयता देने की ट्रंप प्रशासन की नीति के हवाले से भारतीय कामगारों को मिलने वाले एच-1बी वीजा की संख्या में कटौती के खतरे को देखते हुए चिंता जताई है। हालांकि उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एच-1बी वीजा की संख्या बढ़ी है।

 
राज्यसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान स्वराज ने एच-1बी वीजा की संख्या में कटौती पर विपक्ष की चिंता से इत्तेफाक जताते हुए कहा कि यह सिर्फ सरकार और विपक्ष की नहीं, समूचे सदन की चिंता है। उच्च सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हम इस मामले में व्हाइट हाउस और कांग्रेस (अमेरिकी संसद) से बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं, आगामी 6 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ होने वाली मंत्रिस्तरीय वार्ता 'टू प्लस टू' में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।

 
स्वराज ने कहा कि हालांकि पिछले 4 सालों में एच-1बी वीजा की संख्या में इजाफा हुआ है लेकिन फिर भी इसकी संख्या में कटौती का खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि साल 2014 में 1,08,817 एच-1बी वीजा जारी हुए थे, अब यह संख्या बढ़कर 1.29 लाख हो गई है।

 
विदेश मंत्री ने कहा कि अप्रैल 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'अमेरिकी खरीदो तथा अमेरिकियों को काम दो' शीर्षक वाले कार्यकारी आदेश में सभी विभागों से एच-1बी वीजा कार्यक्रम में सुधार संबंधी सुझाव मांगे गए थे। स्वराज ने कहा कि अभी यह प्रक्रिया चल रही है, फिलहाल कार्य वीजा कार्यक्रम में अब तक कोई बड़ा फेरबदल नहीं किया गया है।
स्वराज ने कहा कि हाल ही में अमेरिकी सरकार द्वारा कार्य वीजा कार्यक्रम सख्ती से लागू करने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं। इनमें वीजा आवेदक पर यह साबित करने की जिम्मेदारी डाली गई है कि लाभार्थी किसी विशेष रोजगार में किसी विशिष्ट कार्य के लिए किसी तीसरे पक्ष के कार्यस्थल में नियोजित है तथा इन उपायों के कारण आवेदक को आवश्यक रूप से अतिरिक्त दस्तावेज जमा कराने होंगे। (भाषा)

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