अगर खुशी का कोई फॉर्मूला हो तो कितना अच्छा हो परंतु क्या ऐसा होना संभव है। आईआईटी खड़गपुर में ऐसा होने जा रहा है।
2,500 साल पहले सुकरात ने कहा था कि खुशी इंसानों के प्रयासों से पाई जा सकती है। भारत की सबसे पुरानी आईआईटी भी इसी तरह की सीख पर भरोसा कर खुशी के लिए फॉर्मूला बनाने की राह पर है।
'रेखी सेंटर फॉर साइंस ऑफ हैप्पीनेस' में अपने छात्रों में खुशी और सकारात्मकता भरने की शुरूआत हो चुकी है। आईआईटी का यह डिपार्टमेंट एक छात्र सतिंदर सिंह रेखी के नाम पर बनाया गया है।