नई दिल्ली। मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय है क्योंकि गांधी परिवार का उनको समर्थन मिला हुआ था। हालांकि यह पहले से ही माना जा रहा था कि थरूर चुनाव नहीं जीत पाएंगे, अब उन्होंने भी परोक्ष रूप इस बात को स्वीकार कर लिया है। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्होंने मैदान में उतरकर चुनाव को एकतरफा नहीं बनने दिया। इस चुनाव में करीब 90 फीसदी मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया है।
थरूर ने कुछ समय पहले एक ट्वीट किया- कुछ लड़ाइयां हम इसलिए भी लड़ते हैं कि इतिहास याद रख सके कि वर्तमान मूक न था। थरूर भले ही अध्यक्ष का पद का चुनाव नहीं जीतें, लेकिन उन्होंने यह जरूर बता दिया कि वे 'चुप' नहीं थे। उन्होंने मैदान में उतरकर मुकाबला किया।
शालीनता से लड़ा गया चुनाव : इसमें भी कोई शक नहीं कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की जब भी कभी भविष्य में चर्चा होगी तो शशि थरूर का जिक्र जरूर होगा। इस चुनाव में खास बात यह रही कि आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगे, बड़ी ही सहजता और शालीनता से चुनाव लड़ा गया। वे पहले कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि वे अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
बदलाव के लिए खड़ा हूं : थरूर ने कहा कि पार्टी के कामकाज में बदलाव की जरूरत है और यह चुनाव उसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव में अपने लिए नहीं खड़े हुए, बल्कि कांग्रेस और देश के लिए खड़े हुए हैं। थरूर ने कहा कि भारत को एक मजबूत कांग्रेस की जरूरत है। मैंने अपने राजनीतिक भविष्य के लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस और भारत के लिए चुनाव लड़ा। मैं बदलाव के लिए खड़ा हूं। पार्टी के काम करने के तरीके में बदलाव के लिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव किसी भी पक्ष के लिए आसान नहीं होगा।
एक अन्य ट्वीट में थरूर ने फोटो शेयर कर लिखा- देश के लिए, पार्टी के लिए, शशि थरूर को वोट दें। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शाम 4 बजे वोटिंग समाप्त हो गई। अब परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। करीब 90 फीसदी कांग्रेसियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala