Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Hathras Stampede : क्या मैनपुरी में है भोले बाबा, वकील एमपी सिंह बोले- डरे या फरार नहीं हुए हैं

हमें फॉलो करें Hathras Stampede : क्या मैनपुरी में है भोले बाबा, वकील एमपी सिंह बोले- डरे या फरार नहीं हुए हैं

हिमा अग्रवाल

, गुरुवार, 4 जुलाई 2024 (23:02 IST)
Hathras Stampede :  नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा द्वारा अपना अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एमपी सिंह को किया गया है। भोले बाबा ने हादसे के बाद एक पत्र जारी करते हुए कहा था कि उनका पक्ष एडवोकेट एमपी सिंह रखेंगे। इसके बाद भोले बाबा के नियत किए गए एडवोकेट आज मैनपुरी पहुंचे। माना जा रहा है कि वे भोले बाबा से आश्रम में मुलाकात करने आए हैं, लेकिन उससे पहले ही मीडिया का उनसे आमना-सामना हो गया।
ALSO READ: Hathras stampede case : 100 करोड़ संपत्ति के स्वामी नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा, जानिए UP में स्थित 24 आश्रमों की सचाई
एमपी सिंह से मीडिया ने फरार बाबा के विषय में पूछा तो कहा, जवाब मिला मुझे नही पता और न ही मैं जानना चाहता हूं कि वे कहां है, मैं अपना काम करने यहां आया हूं। लेकिन लोगों से भोले बाबा के बारे में जानकारी जुटाई है, उस आधार पर कह सकता हूं कि वे फरार होने वाले, डर के भागने वाले नहीं हैं और न ही वे किसी होटल में या किसी के घर में छुपे होंगे। यदि वे कहीं मिलेंगे तो आश्रम में, चाहे वह आश्रम उनका है या किसी और का।
 
एमपी सिंह ने कहा कि नारायण साकार हरि ने अपना संदेश देने के लिए मेरे पत्र में लिखा है, जिसके चलते मैं हादसे में जो घायल हुए हैं, उनसे संपर्क कर रहा हूं। हादसे के घायलों और घटना के प्रत्यक्षदर्शियों से बात कि तो सभी ने कहा कि वे लंबे समय से सत्संग में शामिल होते रहे हैं, लेकिन ऐसी घटना पहली बार हुई है, यह किसी की साजिश लगती है, क्योंकि भीड़ में कुछ लोग हट्टे-कट्टे और शराब पिए हुए थे, उन्होंने जैसे ही मौका देखा और वैसे ही धक्का-मुक्की करते हुए घटना को अंजाम देने लगे। यह हादसा भोले बाबा के निकल जाने के आधा घंटे बाद घटित हुआ है।
 
उन्होंने कहा कि यह कोई भारत-पाकिस्तान, चाइना का युद्ध नहीं है, शत्रु नहीं मारे गए, जिनकी जान गई है या जो पीड़ित हैं, वे इनके अपने लोग हैं, चाहे वह दरी बिछाने वाला, पानी पिलाने, टेंट वाला, बिजली वाला, भोजन परोसने वाला या अन्य काम करने वालों के परिजन ही हैं। जब मीडिया ने पूछा तो क्या इस घटना के लिए प्रशासन दोषी है तो उन्होंने जबाव दिया कि खुले खेतो और हाईवे के निकट खुले स्थान पर समागत की परमिशन दी गई थी। चारों तरफ से रास्ता था, हाईवे के कारण। हाईवे के निकट परमिशन देने के कारण हादसा नही हुआ, किसी वाहन का एक्सीडेंट नहीं हुआ। इसमें साजिश की बू आ रही है। 
बाबा के आश्रम के अंदर होने पर बोले मुझे जानकारी नहीं है और अगर होंगे तो जरूर मिलेंगे। भोले बाबा डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान को मानने वाले हैं, कानून को मानने वाले हैं, भारत के नागरिक हैं, जहां होंगे सही तरीके से होंगे और होंगे तो किसी आश्रम में ही होंगे। उन्होंने बाबा के कई आश्रमों के मामले मे सफाई देते हुए कहा कि उनके नाम पर कोई आश्रम नहीं है। बाबा ब्रहमलीन हैं, मौन हैं यह मुझे नहीं मालूम, यदि ऐसा है तो वे उनकी साधना में बाधक नहीं बनेंगे, क्योंकि वे भी सनातनी है। 
 
भोले बाबा के भक्त उन्हें परमात्मा कहते हैं तो अधिवक्ता एमपी सिंह ने जबाव दिया कि जिसके अंदर आत्मा है, वह परमात्मा है, मैं भी परमात्मा हूं। आत्मा अमर और अजर है। मीडिया ने घेरते हुए कहा कि यह अंधी भक्ति है, व्यक्ति को परमात्मा मानना, एमपी सिंह बोले आपने निर्भय कांड में देखा कि निर्भया की मां मुझमें भगवान देखती थी, इसी तरह किसान आंदोलन में किसान मुझे भगवान कहते थे कि उनकी लड़ाई लड़ी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Bhojshala Survey : ASI 15 जुलाई तक पेश करे सर्वे रिपोर्ट, मप्र हाईकोर्ट ने दिया आदेश