राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार परिसर की कुव्वुतुल इस्लाम मस्जिद में पूजा अर्चना की मांग करने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
याचिका में दावा किया गया है कि मस्जिद परिसर में हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिर हैं। दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट में मंगलवारको होने वाली इस सुनवाई से पहले अदालत ने केंद्र सरकार और पुरातत्व विभाग को नोटिस भेजी थी।
इस मामले में एक पक्ष की दलील है कि कुतुब मीनार के भीतर बनी मस्जिद हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिरों को तोड़ कर बनाई गई है ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित करत पूजा पाठ करने की इजाजत दी जाए।
इससे पहले बीती 10 मई को हिन्दूवादी संगठनों ने कुतुब मीनार के सामने प्रदर्शन कर पूजा-अर्चना की मांग की थी। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया था कि कुतुब मीनार विष्णु स्तम्भ है जिसे 'महान राजा विक्रमादित्य' ने बनावाया था।
73 मीटर ऊंची है मीनार: उन्होंने कहा था, 'कुतुब-उद-दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने की कोशिश की। परिसर में 27 मंदिर थे और उन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था। इन सबके प्रमाण उपलब्ध हैं, क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में रखी हुई हिंदू देवताओं की मूर्तियों को लोग देख सकते हैं। हमारी मांग है कि कुतुब मीनार को विष्णु स्तम्भ नाम दिया जाना चाहिए'
बीते महीने दिल्ली की साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार से गणेश की दो मूर्तियों को हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की थी। अदालत ने कहा था- अपील करने वाले की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने प्रतिवादियों से अगली सुनवाई तक मामले में यथास्थिति बनाएं रखे।
दिल्ली पर्यटन विभाग के अनुसार, कुतुब मीनार 73 मीटर ऊंची जीत की मीनार (टावर ऑफ विक्टरी) है, जिसे दिल्ली के अंतिम हिंदू साम्राज्य की हार के तुरंत बाद कुतुब-उद-दीन ऐबक ने साल 1193 में बनवाया गया था।