नई दिल्ली। बीतती शीत ऋतु जाते-जाते भारी वर्षा व ओलावृष्टि के रूप में कहर बरपा रही है। बीते 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर पश्चिमी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अधिकांश जगहों पर गरज के साथ मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई है।
इसे प्री-मॉनसून मौसमी हलचल कहा जा सकता है तथा 1 मार्च से 31 मई के बीच ऐसी गतिविधियां होती रहती हैं। लेकिन इस दौरान बारिश और ओलावृष्टि प्राय: कम ही होती है।
बीते 24 घंटों के दौरान उत्तर-पूर्वी राजस्थान में खासतौर पर जयपुर और आसपास के शहरों में कई जगहों पर भारी ओले गिरे हैं तथा उत्तर-पश्चिमी उत्तरप्रदेश में भी कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हुई है।
फसलों को नुकसान हुआ नुकसान : तेज बारिश, हवाओं की तेज रफ्तार व ओले गिरने से रबी फसलों को नुकसान हुआ है। इससे उत्पादकता के प्रभावित होने की आशंका है। तेज बारिश व ओलावृष्टि उत्तर भारत में एक बार फिर से ठंड की वापसी हो गई है व तापमान भी गिर गया है।
बना रहेगा बारिश का मौसम : जम्मू-कश्मीर के पास अगले 24 घंटों तक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा तथा हरियाणा में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना रहेगा। इसका पश्चिमी उत्तरप्रदेश में व्यापक प्रभाव होगा। पश्चिमी राजस्थान व पश्चिमी पंजाब में 7 मार्च की सुबह से मौसम साफ हो सकता है लेकिन हरियाणा, दिल्ली और पूर्वी राजस्थान में कल दोपहर तक रुक-रुक कर हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है।
उत्तरप्रदेश में अगले 48 घंटों तक पश्चिम में मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली से लेकर आगरा, मथुरा, अलीगढ़, मध्य में लखनऊ, बरेली, कानपुर, बांदा, चित्रकूट, अयोध्या और पूर्व में प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर में इस दौरान वर्षा होने की हो सकती है। (फ़ाइल चित्र)