दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह करीब 11 बजे के बाद अचानक मौसम का मिजाज बदला और दिन में ही काले बादल छा गए। आंधी तूफान के साथ तेजी बारिश भी शुरू हो गई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। दिल्ली, गाजियाबाद समेत नोएडा के अन्य इलाकों में भी तेज हवाएं चलने और बारिश से राहगीरों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
मौमस विभाग का अनुमान है कि, अगले दो घंटों में दिल्ली-एनसीआर के अन्य हिस्सों में भी तेज बारिश हो सकती है। इतना ही नहीं अगले 24 घंटों में भी बारिश को लेकर येलो अलर्ट है और तेज बारिश की संभावना जताई जा रही है।
आमतौर पर मानसून 27 जून तक दिल्ली पहुंच जाता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। हालांकि, इस बार दिल्ली में मानसून सबसे अंत में आया है। आईएमडी के अनुसार, बीते 62 सालों में दिल्ली में मानसून की पहली बारिश कम से कम 33 बार जुलाई के महीने में हुई है। बाकि के समय मानसून जून के माह में ही आ गया था।
इस साल पश्चिम मानसून 16 दिन बाद दिल्ली पहुंचा है और 19 सालों में सबसे देरी से मानसून आया है। इससे पहले साल 2002 में 19 जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी। दिल्ली के लोगों के लिए इस बार मानसून का इंतजार वाकई में बहुत लंबा हो गया। पिछले तीन-चार दिनों से माहौल बना हुआ था, लेकिन बादल बरस नहीं रहे थे।
मंगलवार सुबह से ही दिल्ली के आसमान पर घने काले बादल छा गए। शुरूआत हल्की बूंदाबांदी के साथ हुई लेकिन बाद में तेज बारिश ने अपना जोर पकड़ लिया। बीते दिन सोमवार को भी रुक-रुक कर हुई बारिश से गर्मी से चढ़ते पारे से लोगों को राहत मिली थी।