Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

delhi Riot: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ही घटना के लिए दर्ज 4 प्राथमिकी रद्द की

Advertiesment
हमें फॉलो करें delhi Riot: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ही घटना के लिए दर्ज 4 प्राथमिकी रद्द की
, गुरुवार, 2 सितम्बर 2021 (15:37 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान लूटपाट और परिसर में आग लगाने के आरोप में दर्ज 4 प्राथमिकी रद्द कर दी हैं और कहा है कि एक ही संज्ञेय अपराध के लिए पुलिस 5 प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकती है।

 
उच्च न्यायालय ने कहा कि एक ही संज्ञेय अपराध के लिए दूसरी प्राथमिकी और नई जांच नहीं हो सकती है। अदालत ने कहा कि एक ही घटना के लिए 5 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है, क्योंकि यह शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित कानून के विपरीत है। उच्च न्यायालय ने एक प्राथमिकी को बरकरार रखते हुए पिछले साल मार्च महीने में जाफराबाद पुलिस थाना में उन्हीं आरोपियों के खिलाफ दर्ज 4 अन्य प्राथमिकी को रद्द कर दिया।

 
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि घटनाएं अलग थीं या अपराध अलग थे। जैसा कि पहले कहा गया है, संबंधित प्राथमिकी में दायर आरोपपत्रों के अवलोकन से पता चलता है कि वे कमोबेश एक जैसे हैं और आरोपी भी वही हैं। हालांकि, अगर आरोपी के खिलाफ कोई सामग्री मिलती है तो उसे प्राथमिकी में दर्ज किया जा सकता है।
 
अदालत ने मामले में आरोपी अतीर की 4 याचिकाओं पर यह व्यवस्था दी। दिल्ली पुलिस द्वारा एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों की शिकायतों पर दर्ज 5 प्राथमिकी में आरोपी को अभियोजन का सामना करना पड़ रहा था। आरोप है कि जब पीड़ित 24 फरवरी की शाम को मौजपुर इलाके में अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनका घर आग के हवाले कर दिया गया है जिससे 7-10 लाख रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। अतीर की ओर से अधिवक्ता तारा नरूला ने दलील दी कि सभी प्राथमिकी एक ही आवासीय इकाई से संबंधित हैं जिसे परिवार के विभिन्न सदस्यों द्वारा दायर की गई हैं और यहां तक कि दमकल की एक ही गाड़ी आग बुझाने आई थी।

 
उन्होंने दलील दी कि यह प्रकरण उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत के दायरे में है कि एक अपराध के लिए एक से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि संपत्ति अलग थी और नुकसान को निवासियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से झेला गया है और प्रत्येक प्राथमिकी का विषय दूसरों से अलग है। अदालत ने कहा कि सभी 5 प्राथमिकी की सामग्री एक समान हैं और कमोबेश एक जैसे ही हैं और एक ही घटना से संबंधित हैं।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

डीएसटी की पहली महिला सचिव बनीं डॉ रेणु स्वरूप